Moti Dungri Temple: आपने महाराष्ट्र के सिद्धी विनायक मंदिर के बारे में तो सुना होगा, भगवान गणेश का एक और प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के मंजयपुर में स्थित है। इस मंदिर की महिमा पूरे देश में जानी जाती है। बप्पा का मोती डूंगरी भगवान गणेश का प्रमुख स्थल है। मंदिर में आपको दाहिनी सूंड़ वाले गणेशजी की भव्य मूर्ती दिखाई देगी। यहां की खास बात है कि यह एकलौता ऐसा मंदिर है जहां बप्पा को सिंदूर का चोला चढ़ाकर उनका श्रृंगार किया जाता है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर इस मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।

वाहन खरीदने पर मंदिर आते हैं लोग

इस मंदिर की मान्यता है कि लोग सबसे पहला निमंत्रण भगवान गणेश के इश मंदिर में आकर चढ़ाते है। अगर कोई इंसान नया वाहन लेता है तो उसको सबसे पहले यहां लाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां वाहन लाने से उसका कभी एक्सीडेंट नहीं होता। कई खास दिनों और त्यौहारों पर यहां लंबी कतारों में लोग अपने वाहन के साथ आते हैं। 

पहला निमंत्रण भेजा जाता है

इस मंदिर में ऐसा माना जाता है कि लोग अपनी शादी का पहला कार्ड भगवान गणेश के शरणों में रखते हैं। शादी या किसी खास समारोह का पहला निमंत्रण  मोती डूंगरी गणेश के मंदिर में ही दिया जाता है। कहा जाता है उन्हें पहला निमंत्रण भेजने से भगवान उनके घर आकर शादी-समारोह में सभी विग्नों को दूर कर कार्यों को पूर्ण कराते हैं। 

मंदिर का इतिहास 

इतिहासकार के मुताबिक 1761 ई. जयपुर के राजा माधोसिंह प्रथम की महारानी के पीहर मावली से 500 साल पुरानी गणेश की मूर्ती लाई गई थी। यह मूर्ति लेकर आने का कार्य जयपुर के सेठ पल्लीवाल ने किया था और उन्होंने ही इस मंदिर को पूरा करने का काम कराया था।