Rajasthan 5 Famous Hanuman Mandir: राजस्थान राज्य ऐतिहासिक और चमत्कारी मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां पर कई ऐसे मंदिर हैं, जहां की सच्चाई जानने के बाद दिमाग हिल जाता है। इस राज्य में कई रहस्यमई मंदिरों के बारे में हमने आपको पहले भी बताया है। आज हम आपको 5 ऐसे हनुमान मंदिर के बारे में जानकारी देंगे, जहां जाने के बाद कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है। यदि आप रामभक्त हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।

सालासर बालाजी 

राजस्थान में स्थित सालासर बालाजी मंदिर का इतिहास काफी पुराना रहा है। चूरू जिले में स्थित इस मंदिर को दाढ़ी मूंछों वाले बालाजी के नाम से जाना जाता है, क्योंकि पूरे भारत में यहीं पर दाढ़ी मूंछों वाले बालाजी स्थित हैं। इस मंदिर को लेकर काफी सारी मान्यताएं बताई जाती हैं। ऐसा कहा जात है कि जो इंसान यहां हनुमान जी की शरण में आता, है वह कभी खाली हाथ वापस नहीं जाता है।

खोले के हनुमान जी 

खोले के हनुमान जी राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है, जो काफी प्रसिद्ध हैं। यहां पर भक्तों के अलावा देश और विदेश से भी सैलानी घूमने के लिए आते हैं। इस मंदिर की स्थापना को लेकर यह बताया जाता है कि एक ब्राह्मण ने 60 के दशक में शहर की पूर्व दिशा में स्थित पहाड़ियों की गुफा में बहते हुए बरसाती नालों और पर्वतों के बीच एक स्थान पर लेटे हुए बजरंगबली की एक विशालकाय प्रतिमा खोजी गई थी।

मेहंदीपुर बालाजी 

राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर काफी ऐतिहासिक है। यहां पर बालाजी के दर्शन करने के लिए भक्त दूर देश और विदेशों से भारी संख्या में आते हैं। यहां आने के बाद हरेक भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं। ऐसी मान्यता है कि मेहंदीपुर धाम मुख्य रूप से नेगेटिव शक्ति और प्रेतबाधा से मुक्त होने के लिए लोग आते हैं। यहां आने के बाद सभी बाधाएं दूर होती हैं।

इच्छापूर्ण बालाजी 

राजस्थान में चुरु जिले में स्थित इच्छापूर्ण बालाजी का मंदिर भी रहस्यमई बताया जाता है। इस मंदिर के निर्माण को लेकर यह बताया जाता है कि इसे दक्षिण भारत और पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने इसे द्रविड़ शैली पर बनाया था, जो देखने में शानदार लगता है। इस मंदिर की चौखट में ठोकर लगाने वाले लोगों की मुरादें पूरी हो जाती हैं। 

समोद वीर हनुमानजी 

राजधानी जयपुर से काफी नजदीक स्थित समोद वीर हनुमानजी का मंदिर काफी ऐतिहासिक और चमत्कारी माना जाता है। यह मंदिर पहाड़ियों पर बना हुआ है। पर्वत श्रृंखला पर विराजमान बजरंगबली के दर्शन करने के लिए करीब 1100 सीढियां चढ़ना पड़ता है, जो कठिन काम है।