Rajasthan Famous Temple: राजस्थान में कई सारे गणेश जी के मंदिर स्थित हैं, जहां जाने के बाद भक्तों की मुरादें पूरी हो जाती हैं। आज हम आपको 3 ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां जाने के बाद कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता है। इन मंदिरों की मान्यताएं बेहद ही खास होती हैं। यहां दर्शन मात्र से ही भक्तों की इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इन सारे मंदिरों का अपना अलग ही इतिहास रहा है। आइए आज हम आपको 3 गणेश जी के मंदिर के बारे में विस्तार से बताते हैं।

त्रिनेत्र मंदिर 

राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों में त्रिनेत्र मंदिर का नाम आता है। सवाई माधोपुर जिले से 10 किमी दूर रणथंभौर किले में प्रसिद्ध गणेश जी का मंदिर है। इस मंदिर में भगवान गणेश अपनी पत्नी और ऋषि सीधी के साथ विराजमान हैं। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले चिट्ठी भेजकर गणेश जी को निमंत्रित किया जाता है।

ऐसा करने से विघ्नहर्ता भक्तों के बिगड़े हुए काम को संवार देते हैं। यहां पर लोग अपनी शादी के कार्ड को गणेश भगवान के पैरों में अर्पित करते हैं। इस मंदिर में स्थित भगवान के तीन आंखें हैं, जिसके चलते इस मंदिर का नाम त्रिनेत्र मंदिर है।

मोती डूंगरी 

राजस्थान की राजधानी जयपुर के लोगों के लिए यह गणेश जी का मंदिर काफी खास है। इस मंदिर की विशेषता काफी ज्यादा है, जिसकी वजह से भक्त दूर दराज से यहां आते हैं। यहां के स्थानियों लोगों का इस मंदिर के बारे में ऐसा मानना है कि जो भी नई गाड़ी खरीदता है, वह सबसे पहले इसी मंदिर में आता है।

मंदिर में अपनी गाड़ी की पूजा करने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं और अपनी इच्छाएं मांगते हैं। इस मंदिर की इतिहास को लेकर यह बताया जाता है कि इसका निर्माण मंदिर में स्थित मूर्ति जयपुर के राजा माधोसिंह प्रथम की पत्नी पीहर मावली से लाई गई थी। पल्लीवल सेठ की देखरेख में इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था।

सिद्ध गजानंद 

सिद्ध गजानंद राजस्थान का बहुत प्राचीन मंदिर माना जाता है। जोधपुर जिले के रातानाडा में स्थित इस गणेश जी के मंदिर का निर्माण 150 साल पहले करवाया गया था। पहाड़ पर स्थित इस मंदिर की ऊंचाई भूतल से 108 फीट है। यह एक ऐसा मंदिर है जो सिर्फ भक्तों को ही नहीं, बल्कि शिल्प प्रेमियों को भी खूब पसंद आता है।

यहां के लोगों का मानना है कि शादी के दौरान सबसे पहले इस मंदिर में गणेश जी को निमंत्रण देने से कार्य सफल होते हैं। इसके चलते जोधपुर के हरेक क्षेत्र से लोग अपनी शादी का निमंत्रण लेकर इस मंदिर में आते हैं।