Shri Kalyan Ji Temple Sikar: देश अलग-अलग हिस्सों में भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थित है। कई जगहों पर लक्ष्मी-नारायण का प्रसिद्ध मंदिर है, जहां भारी संख्या में भक्त पूजा करने जाते हैं। राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है, जिसमें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी एक साथ नहीं बल्कि अलग निवास करते हैं। इस अनोखे मंदिर में पहले मां लक्ष्मी जी की आरती होती है उसके बाद भगवान विष्णु जी की। 

राजस्थान के सीकर जिले में यह अनोखा मंदिर स्थित है। इसे कल्याण जी मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसमें लक्ष्मी-नारायण निवास करते हैं। यह राजस्थान का एक प्रमुख मंदिर माना जाता है, जिसकी महिमा अपरंपार है। आइए इस मंदिर के अद्भुत रहस्य के बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं।

अलग-अलग निवास करते हैं लक्ष्मी-नारायण 

सीकर जिले में स्थित इस श्री कल्याण जी मंदिर की एक अनोखी प्रथा यह है कि रात्रि 9 बजे के बाद मां लक्ष्मी जी की प्रतिमा को भगवान विष्णु के साथ रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि राजस्थान का यह पहला मंदिर है जहां लक्ष्मी नारायण अलग-अलग निवास करते हैं और रात में आरती के बाद दोनों को एक साथ लाया जाता है। श्री कल्याण जी मंदिर में पहले मां लक्ष्मी और फिर बाद में विष्णु जी की मंगला आरती गाई जाती है। 

हजारों की संख्या में दर्शन करने आते हैं भक्त 

राजस्थान का यह मंदिर इतिहास और संस्कृति का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है, जो इसकी स्थापना और और निर्माण की कहानी का महत्वपूर्ण पहलू है। श्री कल्याण जी मंदिर लक्ष्मी-नारायण जी के प्रति धार्मिक आस्था का केंद्र है, जहां हजारों की संख्या में भक्त पूजा करने के लिए इकठ्ठा होते हैं। हरेक वर्ष यहां धार्मिक उत्सव और मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु आते हैं। 

सीकर के राजा ने करवाया था इसका निर्माण 

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी के इस मंदिर में अष्टधातु की मूर्ति रखी गई है। इस मंदिर को वर्ष 1921 में सीकर के राजा कल्याण सिंह ने बनवाया था। इसे बने हुए 103 साल हो गए हैं और यह अन्य मंदिरों की तरह इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। इस मंदिर को लेकर यह बताया जाता है कि मां लक्ष्मी ने राजा कल्याण जी के सपने में दर्शन देते हुए इसका निर्माण करने के लिए कहा था। मां लक्ष्मी का मंदिर गर्भगृह से 50 मीटर की दूरी पर बना हुआ है।