Surya Temple Jaipur: जयपुर की गलता पहाड़ियों पर विराजमान सूर्य देव का एक अनोखा मंदिर है। कहा जाता है कि ये देश का एकलौता सूर्य मंदिर है, जिस पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है। जयपुर के लोग मकर सक्रांति के दिन गलता नदी मे स्नान करके सूर्य देव के मंदिर में दर्शन करते हैं। इस मंदिर का निर्माण जयपुर की बसावट के समय राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने कराया था।

उन्होंने अश्वमेध यज्ञ के दौरान पंच देवताओं में से एक सूर्य देव की मूर्ति स्थापना की थी। उन पंच देवों में ही एक है सूर्य देव मंदिर, जो गलता पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर पूर्व दिशा में है और इसका मुंह दक्षिण दिशा में है। गलता धाम जाते समय ये सूर्य मंदिर पैदल वाले रास्ते में ही पड़ता है। 

महाराजा सवाई जयसिंह ने कराया निर्माण

बता दें कि महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अश्वमेध यज्ञ कराया था। यज्ञ के बाद जयपुर के पंच देवताओं में शामिल सूर्य देव का गलता पहाड़ियों पर मंदिर बनवा कर उसमें सूर्य देव कि मूर्ति स्थापित की थी। इस मंदिर में सूर्य देव कि पत्नी रोहिणी, सौर परिवार और सूर्य के सप्त अश्व के विग्रह भी स्थापित किये गए हैं। इस मंदिर में सूर्य देव का पालना भी रखा हुआ है, जो आज भी सूर्य सप्तमी के दिन होने वाली शोभायात्रा पर निकाला जाता है।

इस दौरान उस पालने को सूर्य मंदिर से बड़ी चौपड़ तक लाया जाता है। महाराजा सवाई जयसिंह ने यहां पर रघुनाथ किला भी बनवाया था। कहा जाता है कि सूर्यवंशी होने के नाते जयपुर का राजपरिवार हमेशा से सूर्य देव की पूजा करता है। 

मकर संक्रांति पर होती है भीड़

कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। रीति रिवाजों के हिसाब से लोग मकर संक्रांति पर गलता नदी में स्नान करके सूर्य देव के दर्शन पूजन और हवन आदि करते हैं। इसके बाद पंगत बिठाकर भोजन कराते हैं और गरीबों में दान दक्षिणा देते हैं। मकर संक्रांति और सूर्य सप्तमी के दिन लोग बहुत दूर-दूर से यहाँ पर आकर सूर्य देव के दर्शन करते हैं। जानकारों कि मानें तो सूर्य उदय पूर्व दिशा में होता है और गलता पहाड़ियां भी पूर्व में ही हैं, इसलिए पहली किरण सूर्य मंदिर पर पड़ती है। 

इस मंदिर पर पड़ती है सूर्य की पहली किरण

मार्च के महीने में सूर्य की पहली किरण सूर्य देव के पालने पर पड़ती है। कहा जाता है कि धरती के जिस अंश पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है वहां पर नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं और सकारात्मक शक्तियों को प्रभावित करती हैं। इसलिए कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्तों और सूर्य देव के दर्शन करने से सभी नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं।