Trinetra Ganesh Temple: राजस्थान के कई प्राचीन मंदिर आज भी लोगों की आस्था का प्रतीक माने जाते हैं। उन्हीं मंदिरों में से एक है राजस्थान के सवाई माधोपुर का त्रिनेत्र गणेश मंदिर। राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर अपनी ऐतिहासिक कथाओं के लिए प्रचलित है।

इस मंदिर का उल्लेख महाभारत काल में भी देखने को मिलता है। यह मंदिर करीब 5 हजार साल पुराना है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत के समय जब भगवान श्रीकृष्ण और रूकमणि की शादी हुई थी, तब भगवान श्रीकृष्ण ने गणेश को निमंत्रण नहीं दिया था, जिसके कारण गणेश नाराज हो गए और अपने वाहन मूषक को वहां भेजा।

गणेश जी के वाहन मूषक ने जमीन को खोदकर पोला कर दिया जिसके कारण श्रीकृष्ण का रथ आगे नहीं बढ़ पाया। जिसके बाद श्रीकृष्ण ने गणेश जी को निमंत्रण भेज कर विवाह में शामिल होने को कहा। तभी से यहां पहला निमंत्रण भेजने की परंपरा है। 

त्रिनेत्र गणेश मंदिर का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि 10वीं सदी में रणथंभौर के राजा हम्मीर देव ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। 299 ई में राजा हम्मीर और अलाउद्दीन खिलजी के बीच युध्द हुआ था। राजा ने अपनी प्रजा की रक्षा के लिए गणेश जी का आव्श्रासन लिया था, जिसके बाद राजा हम्मीर ने गणेश जी के मंदिर का निर्माण किया था।  

चिट्ठी के द्वारा मागंते हैं मनोकामना

ऐसा माना जाता है कि किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले लोग गणेश जी को निमंत्रण भेजते हैं। इसके लिए देशभर से भक्त अपनी अर्जी की चिट्ठी यहां भेजते हैं। मंदिर में लाखों लोगों की चिट्ठी डाक के जरीए यहां पहुंचती है। इस मंदिर की खास बात यह भी है कि यह एकलौता ऐसा गणेश मंदिर है, जहां पर भगवान अपनी दोनों पत्नी रिध्दि-सिध्दि और शुभ-लाभ (गणेश जी के पुत्र) के साथ विराजमान है।

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