Vedi Temple:  उदयपुर देश के प्रमुख पर्यटन शहरों में से एक है। यहां हर साल लाखों सैलानी न केवल देश से नहीं, बल्कि दुनियभर से लोग यहां के नजारें और प्राचीन इमारतों को देखने के लिए आते हैं। भारत एकलौता ऐसा देश है जहां आज भी कई प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। आज हम बात करेंगे उदयपुर के मशहूर पर्यटन स्थल वेदी मंदिर की जो माता वेदी का अनोखा मंदिर है। शहर के हनुमान पोल के पास स्थित कुंभलगढ़ के करीब यह मंदिर बना हुआ है। यह दो मंजिला मंदिर 36 स्तंभों पर बनाया गया है। इसके संरक्षित और देखभाल के लिए इसे भारत सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मान्यता दी हुई है। 

मंदिर से जुड़ा इतिहास

कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना सन् 1457 ई. में राजा राणा कुंभा ने कराई थी। इसके पिछे का उद्देश जैन धर्म के लोगों द्वारा किए गए तीर्थ के बलिदान को सम्मान दिया जाए। मंदिर का कुछ हिस्सा महाराणा फतेह सिंह ने अपने समय में कराया था। बता दें कि यह देश का एकमात्र तीर्थयात्री बलिदान स्थल है।

अन्य प्राचीन मंदिर 

इस मंदिर के गर्भगृह में लोग सम्मान के तौर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। जिसके बाद आप किले के अंदर बने अन्य प्राचीन मंदिरों के भी दर्शन कर सकते हैं। यहां आपको भगवान गणेश का मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, भगवान पार्श्वनाथ का प्रातचीन मंदिर और बावन देवी मंदिर देखने को मिल जाएगा। इसके अलावा यह स्थान शासक महाराणा प्रताप सिंह का जन्मस्थान भी है जिसके कारण यह जगह और भी प्रसिद्ध है। शाम को आप किले में होने वाले लेजर शो का भी मजा ले सकते हैं। 

मंदिर खुलने का सही समय 

यदि आप इस किले में घूमने का विचार कर रहे हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां आने का सही समय अक्टूबर से मार्च है क्योंकि इस समय आपको ज्यादा गर्मी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह महल सुबह 8 बजे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता है साथ ही शाम को 6 बजे बंद कर दिया जाता है।