Athletes of Rajasthan: राजस्थान से खेल जगत में कई ऐसे सितारे आए हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से राष्ट्रीय स्तर पर अपने राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से ऐसे अनेक असाधारण खिलाड़ी निकलकर आए हैं, जिन्होंने अपने दम पर खेलों में अपनी पहचान बनाई है।

इन खिलाड़ियों का योगदान न केवल राजस्थान बल्कि संपूर्ण भारत के खेल परिदृश्य के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। इनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने सपनों को साकार करने के लिए पूरी लगन और मेहनत से काम करें। इनकी कड़ी मेहनत और समर्पण से यह साबित होता है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए किसी भी प्रकार की दिक्कत को पार करना संभव है।

अवनी लखेरा:

अवनी लखेरा राजस्थान से आने वाली एक भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ी हैं। उन्होंने लगातार दो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है। अवनी का जन्म राजस्थान के जयपुर में वर्ष 2001 में हुआ था। वह भारतीय पैरा शूटर हैं और टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में लगातार दो गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने पैरालिंपिक के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अपना नाम अंकित करवा लिया है। अपनी उपलब्धियों के लिए अवनी को इतनी कम उम्र में ही खेल रत्न और पद्मश्री पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

मिताली राज:

अगर भारतीय महिला क्रिकेट के सबसे स्थापित नाम की बात की जाए तो मिताली राज का नाम उनमें से एक है। मिताली राज का जन्म 3 दिसंबर 1982 को जोधपुर में हुआ था। वह भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान रह चुकी हैं और विश्व के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक के रूप में जानी जाती हैं। मिताली राज को विजिट इन इंडिया क्रिकेट अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। वह भारत की सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं जिन्होंने लगातार 57 मैचों में भारत की कप्तानी की थी। वर्ष 2013 में मिताली राज वर्ल्ड वनडे रैंकिंग में पहले स्थान पर थीं। उनकी कप्तानी में दो बार भारतीय टीम वर्ल्ड कप की उपविजेता रही।

राजवर्धन सिंह राठौड़:

राजवर्धन सिंह राठौड़ भारतीय निशानेबाज हैं जो राजस्थान के जैसलमेर से संबंध रखते हैं। राज्यवर्धन ने वर्ष 2004 के ओलंपिक में डबल ट्रैप प्रतियोगिता में रजत पदक अपने नाम किया था और ऐसा करने के साथ ही स्वतंत्रता के बाद अकाल प्रतियोगिताओं में रजत जीतने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी बने। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने खेल के बाद राजनीति में भी अपना दावपेच लगाया और वह जयपुर के ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र से 16वीं लोकसभा में सांसद भी चुने गए।

देवेंद्र झाझरिया:

देवेंद्र झाझरिया राजस्थान के चुरू जिले से आते हैं और भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ी हैं। 8 साल की उम्र में अपने एक हाथ को हादसे में गंवाने के बाद भी देवेंद्र झाझरिया ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने जैवलिन थ्रो करना शुरू किया। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देवेंद्र झाझरिया भारत के पहले ऐसे पैरालंपिक खिलाड़ी बने जिन्होंने दो स्वर्ण पदक अपने देश के नाम किए। देवेंद्र झाझरिया के नाम अब तक पैरालंपिक के कुल चार पदक हैं, जिसमें दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य है। 37 साल की उम्र में वर्ल्ड जैवलिन थ्रो की रैंकिंग में उनका नाम तीसरे स्थान पर है। उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मानों में से एक पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।

कृष्णा नागर:

2020 के टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले भारत के प्रसिद्ध पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर का जन्म राजस्थान में हुआ है। शरीर की ऊंचाई में कमी के कारण वे बचपन से ही कमजोर थे। उन्होंने पैरा बैडमिंटन में करियर की शुरुआत की और जल्द ही अपनी प्रतिभा को साबित किया। उन्होंने बैडमिंटन खेलने की शुरुआत 2017 में की थी और जल्द ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त की। टोक्यो पैरालंपिक 2020 में कृष्णा नागर ने SH6 श्रेणी में भाग लिया और फाइनल में हांगकांग के चू मान काई को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

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