Rajasthan Karauli: राजस्थान के करौली जिले की धानवी जिसकी उम्र महज 7 साल है, लेकिन इतनी कम उम्र में घुड़सवारी में 4 जीते सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल जीतकर ऐसा काम करके दिखाया है, जिसे इस उम्र के बच्चे करने की सोच भी नहीं सकते हैैं।
घुड़सवारी के शौकीन धानवी के पिता
धानवी को घुड़सवारी की शिक्षा अपने ही पिता जितेंद्र सिंह पिचानौत से मिली, जो उसकी प्रेरणा उसके पिता ही है, जिसको खुद घुड़सवारी करना पसंद है। धानवी के पिता उसके लिए एक उदाहरण बने, जिनको देखकर ही धानवी ने घुड़सवारी को अपनाया। जिसमें दानवी ने दो महीने की कड़ी मेहनत से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में इस बेजोड़ सफलता को हासिल किया। धानवी के पिता ने जीत के बारे में कहा कि बेटियां भी अपने परिवार और समाज का नाम रोशन कर सकती हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में हाल ही में एक घुड़सवारी प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई थी, जो भारतीय सेना के 61 कैवलरी सेंटर द्वारा की गई थी। इस राज्य स्तरीय घुड़सवारी प्रतियोगिता में धानवी ने 7 मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया। जिसमें धानवी ने 4 सिल्वर मेडल "हस्क प्रतियोगिता" में और 3 ब्रॉन्ज मेडल बॉल एंड बास्केट प्रतियोगिता में जीते।
जीत पर मेडल्स से सम्मानित किया
भारतीय सेना के कर्नल कमलजीत सिंह द्वारा धानवी को उसकी इस सफलता के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मेडल्स से सम्मानित किया गया व साथ ही आईएएस अंकित कुमार सिंह, वर्तमान जयपुर हेरिटेज कमिश्नर और पूर्व जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत के दवारा भी धानवी की जीत की प्रशंसा की गई।
धानवी का आगे का लक्ष्य
धानवी ने इस प्रतियोगिता में सफलता हासिल किया है, जिसमें उसका इसके बाद का लक्ष्य ये बताया का उसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीतना उच्च स्तर पर अपनी प्रतिभा से देश और परिवार का नाम और ऊंचा करना चाहती हैं।
धानवी सिंह ने घुड़सवारी में सफलता हासिल कर ये भी साबित कर दिया है कि लड़किया किसी भी क्षेत्र में लड़को से कम नही। धानवी की इस सफलता से न केवल करौली का, बल्कि सम्पूर्ण प्रदेश के लिए एक प्रेरणा का उदाहरण बनी हैं।
इसे भी पढ़े :- Paralympic Gold Medalist: राजस्थान की वो युवा निशानेबाज...जिसके नाम पैरालंपिक में है दो लगातार स्वर्ण पदक