Sonar Fort Tourism: राजस्थान अपनी राजपूताना शैली के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। यहां के किले राजस्थान के गौरवमयी इतिहास की कहानी बताते हैं। यहां के हर किले में राजाओं की कहानियां छिपी हुई है। राजस्थान के किले ज्यादातर हिंदू राजाओं द्वारा बनवाए गए हैं। आज हम राजस्थान के सोनार किले की खासियत और कहानी बताएंगे। राजस्थान में एक ऐसा ही किला सोनार किला है, जिसकी कहानी काफी रोचक है।

राजस्थान के सोनार किले का नाम कैसे पड़ा

यह किला राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है। यह किला राजस्थान के सबसे पुराने किलों में से एक है, जो अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। राजस्थान के जैसलमेर में स्थित इस किले को देखने के लिए हर साल पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। सोनार किला साल भर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। इस किले को जैसलमेर किला या स्वर्ण किला भी कहते हैं।

इस जैसलमेर किले का निर्माण राजपूत राजा रावल जैसल ने 1156 ई में करवाया था। जैसलमेर शहर को भी राजा जैसल ने बसाया था। यह किला पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ है। जब इस किले पर सूर्य की किरणें पड़ती है। तो किले की शोभा में चार चांद लग जाते हैं। यह किला बहुत ही खूबसूरत और शोभनीय लगता है।

किले की इस जगह पर लोग सूर्यास्त देखने आते हैं। सूरज की रोशनी में इस किले को देखने पर ऐसा प्रतीत होता है, मानों  किले की दीवारें सूरज की किरणों से भीग रही हो। इस समय पर किले की दीवारें बिल्कुल सोने की तरह चमकती हुई दिखाई देती हैं। पूरा किला सुनहरे रंग का दिखाई देता है। किले के इस मनमोहक और सुंदर रूप को देखकर ही राजस्थान के जैसलमेर किले का नाम सोनार किला या स्वर्ण किला पड़ गया।

सोनार किले की वास्तुकला और संरचना

यह किला भारतीय किलो की विशिष्ट वास्तुकला का उदाहरण है। इस किले का निर्माण बलुआ रंग के पत्थरों से किया गया है। इस किले के चारों ओर बड़ी-बड़ी मजबूत दीवारें बनाई हुई है। यह दीवारें सुरक्षा की दृष्टि से बनाई गई थी। इस किले में 99 बुर्ज और एक बड़ा प्रवेश द्वार है। इस किले के अंदर महल, हवेलियां और मंदिर स्थित है। किले के इन महलों और हवेलियों में राजा का शाही परिवार रहा करता था। इन महलों की संरचना में राजस्थानी और मुस्लिम वास्तुकला का मिश्रण दिखाई पड़ता है। इन महलों और इमारतों में जालीदार खिड़कियां और झरोखे होते थे।

सोनार किले का सांस्कृतिक महत्व

सोनार किला जैसलमेर में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह किला अपनी सांस्कृतिक धरोहर, संगीत, नृत्य कला और हस्तशिल्प के लिए जाना जाता रहा है। इस किले में जैन मंदिर, हिंदू मंदिर और एक मस्जिद भी स्थित है। इस किले में सभी धर्म के मंदिरों का स्थित होना सभी धर्म के लोगों का सम्मान करना सिखाता है और सभी धर्म का पालन करने को बढ़ावा देता है। यह किला सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ व्यापारिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण रहा है। इस किले के माध्यम से सोने, चांदी, मसाले और वस्त्रों का व्यापार होता था। यह किला प्राचीन व्यापार मार्ग पर स्थित था।

पुरानी कहानियों को संजोये है यह किला

इस कारण यह किला व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार का गढ़ रहा था। इस तरह व्यापार के माध्यम से ही किले और शहर की समृद्धि और खजानों में वृद्धि होती थी। इस किले को आज विश्व धरोहर स्थल के रूप में जाना जाता है। यह किला राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और राजपूताना शैली को जिंदा रखे हुए हैं।

राजस्थान के सोनार किले का न केवल ऐतिहासिक महत्व है बल्कि यह राजस्थानी संस्कृति, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इस किले की भव्यता और ऐतिहासिक संदर्भ कुछ खास हैं। आज भी यह किला अपनी पुरानी कहानियों के इतिहास को संजोये हुए हैं। यदि आप भी  इस किले के ऐतिहासिक महत्व को जानना चाहते हो तो आप यहां जरूर घूमने आए हैं।

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