Phool Mahal: राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित फूल महल को फूलों का महल भी कहा जाता है। आपको बता दें कि यह हॉल मेहरानगढ़ किले में सबसे भव्य महलों में से एक है। इस महल का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था और इसका इस्तेमाल महाराजाओं द्वारा मनोरंजन के लिए किया जाता था। विशेष अवसरों पर महाराजाओं के मनोरंजन के लिए महिला नर्तकियों को आमंत्रित किया जाता था। किले के अन्य हिस्सों की तुलना में यह महल लोगों के लिए कम सुलभ है। जोधपुर के फूल महल के असाधारण इंटीरियर को देखकर आप हैरान रह जाएंगे, क्योंकि इस महल का हर इंच राजसीपन की झलक देता है।
फूल महल का इतिहास
इस महल का इतिहास काफी रोचक है। जोधपुर के फूल महल का निर्माण महाराज अभय सिंह ने करवाया था, जिन्होंने 1724 से 1749 तक इस क्षेत्र पर शासन किया था। महल का आंतरिक भाग शानदार फूलों जैसा दिखता है और महल की छत पर सुनहरे रंग का काम है। ऐसा कहा जाता है कि पुराने दिनों में इस महल के अंदरूनी हिस्से की सजावट के लिए अहमदाबाद और गुजरात से करीब 10 किलो सोना लाया गया था। आपको यहां कई पेंटिंग और चित्र भी मिलेंगे। फूल महल में मौजूद फर्नीचर ब्रिटिश काल का है, जो इस जगह के अंदरूनी हिस्से को शाही रूप देता है।
फूल महल के पास साहसिक खेल
साहसिक खेलों के शौकीन पर्यटक आकाश में उड़ने का अनुभव पाने के लिए जिप लाइनिंग का विकल्प चुनते हैं। आपको किले में कुल छह जिप लाइन मिलेंगी और सभी सर्किट दो घंटे में पूरे किए जा सकते हैं।
महल से जुड़ी अन्य जानकारी
यहां प्रवेश करने के लिए आपको 50 रुपये देना होगी। बता दें कि महल केवल सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुलता है। यदि आप अपने साथ कैमरा लेकर आते है तो आपको उसका अलग से 10 रूपये भुगतान करना पड़ेगा।