Jaisalmer Fort: राजस्थान में ऐसी कई इमारतें हैं जिसकी पहचान केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में बनी हुई है। यहां के हरेक जिले में आपको पुरानी और ऐतिहासिक इमारतें, किले और मंदिरें देखने को मिलेंगे। इन जगहों को देखने के लिए लोग देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लंबे समय के लिए आते हैं। यहां भारी संख्या में पर्यटक आते हैं और इन जगहों का आनंद लेते हैं।

ऐसा ही एक जगह जैसलमेर में स्थित है। जैसलमेर में स्थित जैसलमेर फोर्ट पूरी दुनिया में प्रख्यात है। त्रिकुटा हिल पर बने जैसलमेर फोर्ट का नजारा देखने के बाद सैलानी खुशी से झूम उठते हैं। आइए इसके पीछे का रहस्य और ऐतिहासिक चीजों के बारे में जानकारी देते हैं।

किले को करना पड़ा था घेराबंदी का सामना 

विश्व धरोहर कहे जाने वाले जैसलमेर फोर्ट का निर्माण साल 1156 में भाटी राजपूत राजा जैसल द्वारा करवाया गया था। इस प्रख्यात किले को साल 1294 में भाटी समाज को अलाउद्दीन खिलजी जो खिलजी वंश के शासक थे, उनके द्वारा करीब 9 साल तक घेराबंदी का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं इस ऐतिहासिक किले पर 1551 में रावल लूणकरण के शासन के दौरान, किले पर एक बार फिर से एक प्रसिद्ध अफगान प्रमुख द्वारा हमला किया गया। इसके बाद ही राजा को मजबूरी में अपनी बेटी की शादी हुमायूं के बेटे अकबर से करनी पड़ी थी। इसके चलते किले पर आक्रमण नहीं हुआ और यह सही सलामत रह गया।

सूर्यास्त का नजारा होता है शानदार 

यूनेस्को का प्रसिद्ध धरोहर स्थल में इस किले का नाम आता है। जैसलमेर का यह किला पीले बलुआ पत्थर से बना हुआ है। इसे देखने के बाद काफी अच्छा लगता है। सूर्य अस्त होने के समय का नजारा यहां से काफी शानदार दिखता है। सूर्य की पड़ने वाली किरणें इस किले पर चार चांद लगाने का काम करती हैं। इस किले को देखने के लिए लोग शाम के समय में काफी ज्यादा आते हैं और इसका आनंद उठाते हैं।

कई सारी हवेलियां हैं मौजूद 

रेगिस्तान में स्थित इस जैसलमेर के किले में कई सारी हवेलियां भी स्थित हैं। इस किले में पटवाओं की हवेली, सलाम सिंह की हवेली और नथमल की हवेली भी है। ऐसा चर्चा होता है कि भारत में कई कम ऐसे किले हैं जहां राजपूत और इस्लामी शैली के एक साथ हवेली दिख जाए। यदि आप वास्तुकला में ज्यादा रुचि रखते हैं तो एक बार जैसलमेर में स्थित इस गोल्डन किले को देखने के लिए अवश्य आना चाहिए।