Rajasthan Taj Mahal: आपने राजस्थान के कई महलों के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे महल के बारे में बताने वाले हैं, जिसे राजस्था का ताजमहल कहा जाता है। आप सोच रहे होगे कि ताजमहल तो उतर प्रदेश में है फिर राजस्थान में इसका जिक्र कैसे। चलिए आपको इसके पीछे की पूरी कहानी बताते हैं।

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि राजस्थान में एक ऐसा महल है, जो ताजमहल जैसी सौंदर्यता के लिए प्रसिद्ध है, जिसका नाम है जसवंत थड़ा, उदयपुर के बीच मौजूद जसवंत थड़ा को मेवाड़ के ताजमहल के नाम से पहचाना जाता है। जो अपनी खूबसूरती के चलते पर्यटको को आकर्षित करता हैं।

ताजमहल कहने के पीछे का कारण

इस जसवंत थड़ा महल को मेवाड़ का ताजमहल कहते हैं, इसके ताजमहल कहने के पीछे का कारण इसके निर्माण में उपयोग किया शुद्ध संगमरमर से है, लेकिन अगर इसकी तुलना आगरा के ताजमहल से करें, तो राजस्थान का ये राजमहल आगरा के ताजमहल से एकदम अलग है। ये केवल अपने सफेद रंग के कारण ही ताजमहल के नाम से जाना जाता है।

जसवंत थड़ा महल की खासियत

जसवंत थड़ा महल की खासियत ये है कि इस महल को संगमरमर के पत्थर से बनाया जाता है, इस महल में  छोटे-छोटे गुंबद है जो इस महल की शोभा को ओर ज्यादा बढ़ा देते हैं। इस महल के अंदर आपको मेवाड़ के समय के राजाओं की तस्वीरें मिल जाएंगी। इस स्मारक में ना केवल सफेद मार्बल का इस्तेमाल हुआ है, बल्कि यहां लाल रंग के मार्बल भी दिखेगें, जो इस स्मारक को एक अलग रूप देते है और यहां सीढ़ियों पर स्थानीय लोक-संगीत कलाकर स्वागत करते हुए दिख जाएंगे। 

जसवंत थड़ा महल का इतिहास 

ये महल जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग के पास स्थित है। जिसका नाम महाराजा जशवंत सिंह द्वितीय द्वारा रखा गया था, लेकिन इसका निर्माण महाराजा सदर सिंह द्वारा 1906 में अपने पिता महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की याद में करवाया था। उस समय इसको बनने में 2 लाख 84 हजार के करीब का खर्चा हुआ था। जसवंत थड़ा का निर्माण महाराजा सरदार सिंह ने 1899 में अपने पिता महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की याद में करवाया था।

जसवंत महल के परिदृश्य

इस महल की वास्तुकला बहुत ही बेहतरीन है, पर्यटक के रूप में आप यहां आकर्षक नक्काशियां देख सकते हैं, संरचना के पास बनी झील देख सकते हैं, स्मारक परिसर को इतिहास से जुड़ी कई कहानियों से रूप में समझ सकते हैं। परिसर में एक बड़ा लॉन है, यहां आप थोड़ी देर बैठकर इस महल की खूबसूरती को निहार सकते हैं। इस महल के पास एक श्मशान भी है, जहां राज परिवार के लोगों का अंतिम संस्कार हुआ करता था। 

स्मारक का अंदर का भाग भी खूबसूरत नक्काशी और कलाकृतियों से सजाया हुआ है। स्मारक के आसपास बने महराब और स्तंभ पर्यटकों को काफी ज्यादा आकर्षित करते हैं। इसके अंदर की चित्रकारी को इस महल के शासकों द्वारा बनवाई गई थीं। 

महल में जाने का समय

इस महल में जाने का समय प्रतिदिन सुबह 9 :00 बजे से शाम तक रहता है इस महल को पूर्ण तरीके से घूमने के लिए 1-2 घंटे का समय की आवश्यकता है। जसवंत थड़ा में भारतीय पर्यटको की एंट्री फीस 30रू व विदेशी पर्यटको के लिए 50 रू प्रति व्यक्ति प्रति व्यक्ति है, लेकिन अगर आप फोटो कैमरा ले जाते हो, तो उसके 25 रू व वीडियो कैमरा के लिए 30 रू की राशि का भुगतान करना पड़ेगा।

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