Udaipur Tourism: यदि आप राजस्थान के उदयपुर उदयपुर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इस जगह को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। यह एक ऐसी जगह है, जहां प्रकृति से जुड़े लोग और शांतिप्रिय लोगों को आकर बेहद ही अच्छा महसूस होता है। जितनी खूबसूरत यह जगह है, उतना ही दिलचस्प इसका इतिहास भी है। यह एक ऐसी जगह है जहां पहले जमाने की महिलाएं अपने मनोरंजन के लिए यहां आया करती थी और महिलाएं मिलकर खेल खेलती थी। 

यह जगह पर्यटकों की सूची में सबसे पहले आती है, क्योंकि इस जगह की हरियाली लोगों को इसकी ओर आकर्षित करती है। साथ ही इसकी बनावट आज भी लोगों को हैरान कर देती है। चलिए आज हम आपको सहेलियों की बाड़ी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं, जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे। 

सहेलियों की बाड़ी का इतिहास 

सहेलियों की बाड़ी का इतिहास 1710 से 1734 से जुड़ा हुआ है। इसका निर्माण महाराणा संजय सिंह के द्वारा हुआ था। इस बाड़ी को महाराणा संजय सिंह ने अपनी रानी और उनकी 48 सहेलियों के लिए बनवाया था। इसी कारण से इसे सहेलियों की बाड़ी के नाम से जाना जाता है। कई लोग इसे मेडन्स गार्डन के नाम से भी जानते हैं। इस जगह आपको कई प्रकार के फूलों के बाग दिख जाएगें, साथ ही फव्वारे, मार्बल स्तंभ और संगमरमर देखने को मिल जाएगा। सहेलियों की बाड़ी का निर्माण हिन्दू और मुघल वास्तुकला से बनाया गया है। यह जगह लगभग 6.5 एकड़ में फैली हुई है। सहेलियों की बाड़ी के बारे में आप म्यूजियम में भी पढ़ सकते हैं। 

हरियाली से घिरा हुआ है यह गार्डन

सहेलियों की बाड़ी की खूबसूरती देखने बनती है। इस जगह की हरियाली इसे और भी खूबसूरत बनाती है। लाखों सैलानी हर साल इस जगह को देखने आते हैं। यहां आपको हमेशा ताजगी महसूस होगी। यहां लोटस पूल भी बना हुआ है। साथ ही संगमरमर के पत्थर के हाथी भी देखने को मिल जाएंगे। सहेलियों की बाड़ी महारानी और उनकी सहेलियों के लिए बनवाया गया था, इसलिए यहां कोई भी पुरुष का जाना मना था। यहां महिलाएं मिलकर एक दूसरे के साथ खेल खेलती थी और गाना गाया करती थी।

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