29 Oct 2024
राजस्थान की ये 7 प्रमुख संगीत कला, जो आपको यहां की सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ती हैं
मांड मांड राजस्थान का लोकप्रिय लोकगीत है, जो शाही राजघरानों और वीरता का बखान करता है। इसकी धुनें राजस्थानी परंपरा और गौरव का प्रतिनिधित्व करती हैं।
पंचरंगी गीत इसे विशेष रूप से शादी-ब्याह और अन्य समारोहों में गाया जाता है। इसमें पांच अलग-अलग रागों का मिश्रण होता है, जिससे इसका नाम पड़ा है।
पपिहरा गीत पपिहरा गीत प्रकृति और प्रेम की भावनाओं को अभिव्यक्त करते हैं। इन्हें राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में विशेष मौकों पर गाया जाता है।
लांगास और मांगणियार का संगीत यह संगीत लांगास और मांगणियार समुदायों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इनके गीतों में धार्मिक और पारंपरिक तत्व होते हैं, जो लोकसंगीत के रूप में प्रचलित हैं।
तेरा ताली यह एक धार्मिक संगीत शैली है जिसमें महिलाएँ विशेष वाद्य यंत्रों के साथ प्रस्तुत करती हैं। तेरा ताली कमाई समाज में भगवान रामदेव की पूजा का एक हिस्सा है।
तेरा ताली यह एक धार्मिक संगीत शैली है जिसमें महिलाएँ विशेष वाद्य यंत्रों के साथ प्रस्तुत करती हैं। तेरा ताली कमाई समाज में भगवान रामदेव की पूजा का एक हिस्सा है।
बेलाड़ी यह विशेष रूप से शादियों में गाए जाने वाले गीत हैं, जिनमें रस्मों और परंपराओं का जिक्र होता है। इन गीतों में राजस्थान की जीवन शैली झलकती है।
जोगी गीत जोगी समुदाय द्वारा गाए जाने वाले ये गीत अध्यात्म और भक्ति से भरे होते हैं। ये गीत भगवान शिव और गोरखनाथ जैसे देवताओं की भक्ति का प्रतीक हैं।