25 Oct 2024
राजस्थान का फाल्गुनी त्योहार, जो रंग और रिवाज का है बेहतरीन मिलन
होलिका दहन – यह त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा से पहले मनाया जाता है। इसमें होली की अग्नि जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे से गले मिलकर रंग खेलते हैं।
होली – रंगों का यह त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन राजस्थान में इसका विशेष महत्व है। लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं, मिठाई बांटते हैं और धूमधाम से जश्न मनाते हैं।
सिंवट (चैत सोज) – यह त्यौहार विशेष रूप से राजस्थानी किसानों द्वारा मनाया जाता है, जब फसल का मौसम शुरू होता है। लोग इस दिन देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और अपने खेतों में अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं।
फाल्गुनी नवरात्रि – फाल्गुन मास में नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दौरान भक्त माता दुर्गा की पूजा करते हैं और गरबा और डांडिया जैसे नृत्य करते हैं।
सूरजकुंड मेला – यह मेला हर साल फाल्गुन में मनाया जाता है, जिसमें हस्तशिल्प, लोक कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाता है। इसमें विभिन्न राज्यों के कलाकार और कारीगर अपने उत्पादों के साथ भाग लेते हैं।
गौरव दिवस – यह त्यौहार फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है, जिसमें राजस्थानी संस्कृति, संगीत और नृत्य का प्रदर्शन होता है। इसे राजस्थान के लोक कलाकारों द्वारा आयोजित किया जाता है।
शीतलाष्टमी – फाल्गुन मास में मनाया जाने वाला यह त्यौहार विशेष रूप से शीतल नक्षत्र की पूजा के लिए है। लोग इस दिन विशेष प्रसाद बनाते हैं और देवी-देवताओं की पूजा करते हैं।