02 Nov 2024
राजस्थान से जुड़ी 8 बातें जो यह दर्शाती हैं कि यह राज्य "मुगल वास्तुकला का राजा" क्यों है?
आमेर किला, जयपुर यह किला राजपूत और मुगल वास्तुकला का मिश्रण है, जिसमें दीवान-ए-आम, शीश महल और जालीदार खिड़कियां शामिल हैं, जो मुगल शैली को दर्शाते हैं।
सिटी पैलेस, जयपुर मुगल और राजपूत शैलियों का एक अनोखा संयोजन, यह महल रंगीन कांच, मीनाकारी और भव्य दीवारों के लिए प्रसिद्ध है।
उदयपुर सिटी पैलेस, उदयपुर यह महल राजपूत और मुगल वास्तुकला का संगम है, जहां भव्य आंगन, आभूषणों से सुसज्जित कमरे, और जटिल नक्काशी देखने को मिलती है।
जैसलमेर किला, जैसलमेर इस किले में मुगल प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यहां का शाही महल और दीवारों की नक्काशी मुगल शैली से प्रेरित है।
हवामहल, जयपुर राजपूत शैली में बना होने के बावजूद, हवामहल में मुगल जालीदार खिड़कियों और बालकनियों का सुंदर प्रभाव देखने को मिलता है, जो इसे विशिष्ट बनाता है।
रणथंभौर किला, सवाई माधोपुर इस किले में मुगलकालीन मस्जिद और अन्य संरचनाएँ हैं, जो मुगल वास्तुकला की झलक प्रस्तुत करती हैं और इसे राजस्थान के ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल करती हैं।
मांडवगढ़ किला, मांडवा मांडवगढ़ का स्थापत्य कला में मुगल प्रभाव है, जिसमें दीवारों पर की गई नक्काशी और सुंदर महल मुगल शैली को जीवंत करते हैं।
जोधपुर का मेहरानगढ़ किला यहाँ का फतेह पोल और लोहा पोल मुगल शैली से प्रेरित हैं, और महल की जटिल नक्काशी और भव्य दीवारें इसकी वास्तुकला को विशिष्ट बनाती हैं।