28 Oct 2024
राजस्थान का वो गांव जहां होगा सतयुग का अहसास
शत-प्रतिशत शाकाहारी समाज देवमाली गांव के सभी लोग शुद्ध शाकाहारी हैं। यह गांव शाकाहार का पालन करता है और मांसाहार यहां पूरी तरह से निषिद्ध है।
कच्चे घरों की परंपरा इस गांव के सभी लोग आज भी कच्चे घरों में रहते हैं, जो उनकी सादगी और प्रकृति के प्रति लगाव को दर्शाता है। यहाँ पक्के मकानों का चलन नहीं है, और लोग मिट्टी और स्थानीय सामग्री से बने घरों में रहते हैं।
शत-प्रतिशत शाकाहारी समाज देवमाली गांव के सभी लोग शुद्ध शाकाहारी हैं। यह गांव शाकाहार का पालन करता है और मांसाहार यहां पूरी तरह से निषिद्ध है।
अपराधमुक्त समाज देवमाली में आज तक कभी भी चोरी की कोई घटना नहीं हुई है। इस गांव के लोगों के बीच में ऐसा विश्वास और अपनापन है कि यहां कोई ताला भी नहीं लगाता।
केरोसिन पर पूर्ण प्रतिबंध इस गांव में केरोसिन का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। लोग परंपरागत ईंधन का उपयोग करते हैं और अपनी जीवनशैली में प्रकृति का सम्मान करते हैं।
सतयुग का अहसास देवमाली गांव अपनी परंपराओं और नियमों के कारण सतयुग के समान शांति और संयम का वातावरण प्रस्तुत करता है, जो इसे बाकी स्थानों से अलग बनाता है।
प्रकृति और परंपरा के प्रति निष्ठा देवमाली गांव के लोग प्रकृति के प्रति आस्था रखते हैं और परंपराओं का पालन करते हुए एक संयमित और संतुष्ट जीवन जीते हैं। यह गांव आधुनिकता की ओर न बढ़ते हुए भी सुखी और संतुष्ट है।