28 Oct 2024
राजस्थान जाएं तो जरूर करें, इन 8 देवी के मंदिरों के दर्शन
तनोट माता मंदिर (जैसलमेर) भारत-पाक सीमा के पास यह मंदिर चमत्कारिक माना जाता है। 1965 और 1971 के युद्ध में मंदिर पर गिराए गए बम नहीं फटे, जो माता की कृपा का प्रतीक है।
करणी माता मंदिर (बीकानेर) चूहों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर "चूहों वाला मंदिर" कहलाता है। यहां हजारों चूहे माता की कृपा से सुरक्षित रहते हैं।
कालिका माता मंदिर (चित्तौड़गढ़) यह प्राचीन मंदिर दुर्ग में स्थित है और शक्ति की देवी कालिका को समर्पित है। यहां भक्त दुर्गा के रूप की पूजा करते हैं।
ईडाणा माता मंदिर (उदयपुर) अरावली की पहाड़ियों में बसा यह मंदिर भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति और ऊर्जा का स्रोत है।
नागणेच्याजी का मंदिर (जोधपुर) जोधपुर के राजघराने की कुलदेवी का यह मंदिर विशेष मान्यता रखता है और यहां माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
जीण माता मंदिर (सीकर) शक्ति की देवी जीण माता के इस मंदिर में भक्त नवरात्रि में विशेष पूजा और दर्शन के लिए आते हैं।
कैला देवी मंदिर (करौली) यह मंदिर कैलादेवी को समर्पित है और नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है।
माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर (बांसवाड़ा) माता त्रिपुरा सुंदरी का यह मंदिर शांतिपूर्ण वातावरण और भक्तिमय अनुभव के लिए प्रसिद्ध है।