Marwari Shadi: भारत में शादी की रस्में लगभग एक सप्ताह पहले से शुरू हो जाती हैं। हर राज्य के अलग-अलग क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की रस्में निभाई जाती है। आज हम बात करने जा रहे है राजस्थान के मारवाड़ी शादी में होने वाली विभिन्न रस्मों की जो काफी अलग और रोमांचक होती है।
भात न्योतना
मारवाड़ी शादियों की शुरूआत सबसे पहले भात न्योतने से होती है। इसे ज्यादातर मारवाड़ी समुदाय में निभाया जाता है। इस रस्म में दूल्हा व दुल्हन के परिवार वाले एक दूसरे के यहां कुछ उपहार लेकर शादी का निमंत्रण देने जाते हैं। साथ ही परिवार एक-दूसरे को शादी समारोहों में समर्थन जारी रखने का आश्वासन देते है।
रात्री जोगा
शादी वाले दिन से एक या दो रात पहले रात्री जोगा का कार्यक्रम किया जाता है। इस रस्म को बुरी शक्तियों से बचने के लिए किया जाता है। इसमें शादी वाले घर की दीवारों पर पवित्र प्रतीक बनाए जाते है। साथ ही दुल्हे का परिवार दुल्हन के घर जाकर बहुमूल्य उपहार व मिठाइयां देते हैं।
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पिट्ठी लगाना
हल्दी की रस्म को पिट्ठी लगाना कहते हैं। इस प्रथा के दौरान दोनों पक्ष एक दूसरे के घर पर इस रस्म को निभाते हैं। इस रस्म में छोटे बच्चे खूब नाच गाना और मस्ती करते हैं। यह रस्म शादी से दो दिन पहले निभाई जाती है और इसमें दूल्हा दुल्हन को घरवाले खूब हल्दी का लेप लगाते है। साथ ही पीठ भी घिसते हैं, इसी कारण से इस रस्म को पिट्ठी लगाना कहते हैं।
पल्ला और जानेव
इस आकर्षक रस्म में दूल्हा और दुल्हन भाग लेते हैं। पल्ला समारोह में दूल्हे का परिवार दुल्हन के घर जाकर उसके लिए कपड़े और गहने लेकर आता है। वहीं जनेव समारोह में दूल्हे को पवित्र धागा पहनाया जाता है जिसे जनेव कहते है। मान्यता है कि इससे दंपत्ति का वैवाहिक जीवन सुखी और समृद्ध रहता है।
भगवान गणेश की स्थापना
हिंदू धर्म में किसी शुभ काम से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। शादी के किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की स्थापना की जाती है। इससे शादी के सभी कार्य़ निर्विघ्न संपन्न हो जाते हैं। परेशानी मुक्त और शानदार विवाह के लिए भगवान गणेश की स्थापना की जाती है।
मुद्दा
मुद्दा रस्म में दुल्हन के घर वालों द्वारा दूल्हे का तिलक किया जाता है और फल और मिठाई की टोकरी दी जाती है।
निकासी
शादी से पहले दूल्हे की निकासी निकाली जाती है। इस दौरान घर में दूल्हे को तैयार किया जाता है और उसका तिलक कर कुछ रस्में निभाई जाती हैं। इस दौरान भाभी अपने देवर की आंखों में काजल लगाती हैं और दूल्हा उन्हें नेग देता हैं।
घरवा
इस रस्म में दुल्हन के मामा लड़की के लिए शादी में कुछ चीजें देकर जाते है। इसे काफी शुभ माना जाता है।
कोरथ
इस समारोह में पंडित और दुल्हन के परिवार के सदस्य बारात का स्वागत करते हैं।