Rajasthan Wedding Rituals: राजस्थान की अनोखी परंपरा है, जिसमें कुछ परंपरा को सुनकर हंसी आती है तो कुछ को सुनकर आश्चर्य होता है और कुछ के बारें में कुछ बोलने के लिए शब्द भी नहीं होते हैं। राजस्थान में यात्रा करने आ रहे है तो इन परंपराओं के बारें में अवश्य जाना चाहिए, क्योकि ये परंपराएं ही यहां की नीव है।
पाली की अनोखी परंपरा
राजस्थान के पाली जिले में स्थित बूसी गांव की अनोखी परंपरा है, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएगें क्योकि ये परंपरा ही कुछ ऐसी है। जिसको निभाएं जाने का तरीका बहुत अजीब है, इस परंपरा में ग्रामीण मौजीराम को भगवान शिव और मौजनी को मां पार्वती का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती हैं और धुलंडी वाले दिन इन देवी देवताओं की मूर्ति का विवाह करवाया जाता हैं। जिसे सुख शांति का प्रतिक माना जाता हैं।
पीले चावल वाला निमंत्रण कार्ड
इस परंपरा में विवाह से पहले विवाह में शामिल होने के लिए निमंत्रण कार्ड छपवाए जाता है, जिसको पूरे गांव में बांटा जाता हैं। इसके साथ ही गांव में बुजुर्गो द्वारा पीले चावल के साथ कार्ड रस्मों की शुरुआत की जाती हैं। विवाह की सभी रस्मों को पूरा करने के बाद सात फेरे लिए जाते हैं।
शादी से जुदाई तक की रस्म
शादी के सात फेरों की रस्म के बाद नए जाड़ो का मिलन करवाया जाता है, इसके बाद सभी बारातियों में प्रसाद बांटकर उन्हे विदा किया जाता हैं। इस परंपरा को निभाएं जानें के पीछे मौजीराम और मौजनी के बिछड़े जाने के कारण शादी के बाद मए जोड़ो को भी जुदा किया जाता हैं।
सेक्स एजुकेशन गीत के साथ प्राइवेट पार्ट्स की पूजा
इस परंपरा में एक ओर अनोखी रस्म को निभाया जाता है, जिसमें विवाह के पश्चात् नए जोड़े के प्राइवेट पार्ट की पूजा की जाती है। इसकी पूजा के पीछे कारण ये है कि इससे निस्संतान दम्पती को संतान की और जीवन में सुख समृद्धि का प्राप्ति होती हैं। पूजा के दौरान गीत गाए जाते है, जिसमें सेक्स एजुकेशन शामिल होती हैं।
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