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Rajasthan Tradition: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है जिसमें यहां के लोगों द्वारा मेढ़क और मेढ़की का शादी करवाई जाती है। माना जाता है कि लोग अच्छी बारिश की कामना में यह शादी करवाते हैं।

Rajasthan Tradition: राजस्थान में कई ऐसी अनोखी परंपराएं है जो आज भी यहा के समाज के लोगों द्वारा निभाई जाती है। इन्हें परंपराओ में एक ऐसी परंपरा है जिसमें लोग ढोल नगाड़े के साथ झूमते हुए मेढ़क और मेढ़की का शादी करवाते है। इस दौरान वो सभी रस्में निभाई जाती है जो एक शादी के समय निभाते है। जैसे सात फेरे लेना, नाच गाना करना और एक दूसरों को गुड़ खिलाना आदि। ऐसी परंपरा आपको बांसवाड़ा जिले में देखने को मिलेगी जहां लोगों द्वारा शहर के डेगली चौकपर धूम-धाम से बारात निलाकर विवाह कराया जाता है। 

इस कारण से कराते है शादी 
लोग यहां महीने की शुरूआत में ही मानसून आने से पहले बारिश की कामना में शादी की तैयारी शुरू कर देते है। किसान समेत सभी लोग क्षेत्र में अच्छी बारिश की उम्मीद में शहर की तरुण क्रांति मंच से लेकर डेगली माता चौक पर मेंढक व मेंढ़की की शादी कराई जाती है। खास बात यह है कि इसके लिए पंडतियों द्वारा शुभ मुहूर्त निकलवाया जाता है साथ है इसके लिए कार्ड चपवाकर आमंत्रण भी दिया जाता है। 

क्या है इससे जुड़ी मान्यता?
मंच के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि इस विवाह को सभी विधि विधान से पंडित की मौजूदगी में मंत्रोच्चारण के साथ कराया जाता है। साथ ही इस दौरान मेंढक और मेंढकी के सात फेरे भी लगवाए जाते है। इस दिन सुबह सगाई का कार्यक्रम किया जाता है और विवाह की सभी रस्में निभाई जाती है। गाजे-बाजें, ढोल नगाड़े और नाच गाने के साथ मंगल गीतों से विवाह कराया जाता है। मान्यता है कि मेंढ़क-मेंढ़की के विवाह से शहर में अच्छी बारिश होती है और फसल उत्पादनों को भी फायदा होता है। कई सालों से यह परंपरा चलती आ रही है। जिले के व्यपारी और काश्तकार समेत अन्य लोग इस शादी में सहयोगी बनते है।

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