Rajasthan Education: देश में लगातार एजुकेशन सिस्टम को लेकर अक्सर ये सुनने को मिलता है कि भारतीय समाज का पहले का एजुकेशन सिस्टम आज के एजुकेशन सिस्टम से कई गुना बेहतर है और ये भी सुनने को मिलता है कि आज का जो एजुकेशन है, ये ब्रिटिशों का सिस्टम जिसे अक्सर बदलने का कहा जाता है।
ब्रिटिश एजुकेशन सिस्टम बदलेगा यूजीसी
ब्रिटिश एजुकेशन को बदला तो नहीं जा सकता है, लेकिन उसमें बदलाव जरूर किए जा सकते हैं। इसलिए सरकार ने तक्षशिला व नालंदा का हायर एजुकेशन सिस्टम को लागू करने की दिशा में कदम उठाने में पहल कर दी है। इस एजुकेशन सिस्टम को लाने के पीछे का कारण ये है कि इस सिस्टम को यूजीसी और भारतीय लोग आदर्श मानते हैं जिसके कारण वो इस एजुकेशन सिस्टम को लागू करना चाहते हैं।
इस शिक्षा प्रणाली से शिक्षा के साथ आर्थिक विकास
इस विषय के संबंध में यूजीसी ने विश्वविद्यालयों के साथ हाई एजुकेशन सिस्टम के लिए भूमि जारी किए जाने के मापदंड की रिपोर्ट में अपना विजन भी पेश कर दिया हैं। तक्षशिला, विक्रमशिला, नालंदा और वल्लभी में भारत और दुनिया के हजारों छात्र बहु विषयक में अध्ययन कर रहे थे।
इस शैक्षणिक शिक्षा प्रणाली ने आज कई देशों को शिक्षा के साथ आर्थिक रूप से भी बदला हैं। इसलिए इसे भी देश में इस शिक्षा प्रणाली को दोबारा लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है।
पांच साल बाद हाई एजुकेशन इंस्टीट्यूट
तक्षशिला व नालंदा का हायर एजुकेशन सिस्टम के विषय को लेकर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार ये बताया गया है कि 2030 तक राजस्थान व अन्य राज्यों के जिलों में कम से कम एक हाई एजुकेशन इंस्टीट्यूट जरूर होगा। जिनमें स्थानीय या दो भाषाओं में एक से अधिक क्षेत्रों में शिक्षण अवश्य होगा। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति में ये लक्ष्य तय किए गए है कि 2035 तक 2018 के मुकाबले 50 फीसदी नामांकन बढ़ाये जाएगे।
विश्वविद्यालय के लिए भूमि का मापदंड
विश्वविद्यालय व अन्य उच्च शिक्षण संस्थाओं के संचालन के लिए रिपोर्ट में भूमि का मापदंड को दर्शाया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि विश्वविद्यालय के लिए 20 एकड़ जमीन पर्याप्त होगी। जबकि महानगरों में 10 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी और तीन हजार नामांकन के साथ विश्वविद्यालय का 40 प्रतिशत क्षेत्र के लिए खोला जाएगा। इसकी पूरी रिपोर्ट में अब तक ये आया है कि 30 एकड़ जमीन विश्व विद्यालयो के लिए अनिवार्य की गई हैं।
इसे भी पढ़े:- कोटा में थमेगा सुसाइड केस: आत्महत्या रोकने पर बनेगा कानून, कोचिंग संस्थानों को जारी हुए ये सख्त आदेश