NEET UG 2025: देश में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी करने वाले छात्रों की लंबी फेहरिस्त रही है। हर साल आयोजित होने वाली नीट यूजी में लाखों छात्र शामिल होते रहे हैं। पिछले साल इस प्रवेश परीक्षा में करीब 23 लाख 33 हजार 297 अभ्यर्थियों के शामिल होने की खबर आई थी। वहीं, इनमें से 13 लाख 16 हजार 268 प्रतिभागियों को काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए चुना गया था।
मालूम हो कि इन सबके बीच हर साल मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों को लेकर बहस गरमाती रही है। फिलहाल छात्र नीट यूजी 2025 की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को लेकर आधिकारिक अधिसूचना जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, इस साल भी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों की मौजूदा स्थिति को लेकर चर्चा प्रासंगिक बनी हुई है।
पिछले वर्ष की तुलना में अधिक छात्र होंगे नामांकित
आपको बता दें कि पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक 779 निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्सेज के लिए एडमिशन प्रक्रिया पूरी हुई थी। जानकारों के मुताबिक पिछले साल देश के निजी और सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों पर 117950 छात्रों ने दाखिला लिया था।
वहीं जानकारों का कहना है कि इस साल इन आंकड़ों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। इसके पीछे की वजह मौजूदा समय में कई नए कॉलेजों की लंबी कतार है। उनके मुताबिक इस साल एसबीबीएस प्रोग्राम में दाखिला लेने वालों छात्रों की संख्या बढ़कर 1.20 लाख हो सकती है। उन्होंने इस संख्या में बढ़ोतरी या कमी की संभावना से इनकार नहीं किया है।
मेडिकल कॉलेजों में बढ़ेगी एमबीबीएस की सीटें
शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार देश में कई नए निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू हुए हैं। ये कॉलेज एमबीबीएस प्रोग्राम चलाने की चाहत में कतार में हैं, जिसके लिए जल्द ही अनुमति पत्र जारी होने की संभावना है। उनके मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस साल एंट्रेंस से पहले कुछ प्रक्रियाएं पूरी होने की खबरें मिली हैं। इनमें मेडिकल काउंसलिंग कमेटी और स्टेट बोर्ड काउंसलिंग द्वारा कॉलेजों को जारी की जाने वाली अनुमति शामिल है। ऐसे में इन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों में बढ़ोतरी की संभावना प्रबल बनी हुई है।
हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार हर साल पहले से चल रहे मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की जाती रही है, जो पिछले साल भी देखने को मिली थी। इसलिए मौजूदा हालात में कहा जा सकता है कि इस साल भी देशभर के मेडिकल कॉलेजों की कुल एमबीबीएस सीटों में 2000 से ज्यादा सीटें बढ़ने की संभावना है।
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