Rajasthan Private school fees hike: राजधानी जयपुर के निजी स्कूलों ने एक बार फिर फीस बढ़ाने का फैसला किया है। बता दें हर वर्ष स्कूल फीस में 15 से 20 फीसदी बढ़ोतरी करते है। नए सत्र शुरू होने से पहले स्कूलों की ओर से नया फीस स्लैब जारी किया गया है। इससे अभिभावकों का विरोध भी शुरू हो गया है।
शहर के बड़े स्कूलों ने फीस में 20 से 25 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। ऐसे में अभिभावकों की जेब पर जोर का झटका लगा है। वहीं सीमित आय और पढ़ाई का खर्च बढ़ने के कारण लोगों का बजट भी बिगड़ रहा है। शहर में लगभग 40 से ज्यादा बड़े स्कूल है और फीस बढ़ने के कारण करीब डेढ़ लाख बच्चों के घर प्रभावित हो रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से निजी स्कूलों की फीस पर लगाम रखने के लिए भी फीस एक्ट 2017 लागू किया गया है, लेकिन इस एक्ट के अंतर्गत स्कूलों पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
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अभिभावकों का बिगड़ा बजट
वैशाली नगर के रहने वाले एक अभिभावक के दो बेटे अजमेर रोड स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ते है। 12 फीसदी तक फीस में बढ़ोतरी होने के चलते एक बेटे की सालाना फीस में आठ हजार रुपए की बढ़ोतरी हो गई है। वहीं दोनों बेटों की फीस मिलाकर 16 हजार रुपए अतिरिक्त भार पड़ेगा।
वहीं मान्यावास के एक अभिभावक का बेटा मानसरोवर के स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ता है। स्कूल फीस में लगभग 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी होने के कारण अब बेटे की फीस में करीब 15 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है, जिससे उनका बजट बिगड़ गया है।
6 साल से नहीं हुई स्कूलों की जांच
राज्य के निजी स्कूलों में पीटीए (पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन) का गठन नियमानुसार नहीं किया गया। ऐसे में अब फीस बढ़ोतरी का फैसला सही नहीं है। सवाल यह उठता है कि फीस एक्ट 2017 के बाद आज तक शिक्षा विभाग की ओर से एक भी स्कूल में कमेटी की जांच क्यों नहीं हुई।
अभिभावक संघ के प्रवक्ता संयुक्त अभिषेक जैन ने बताया कि राज्य के निजी स्कूलों ने फीस में बढ़ोतरी कर अभिभावकों पर आर्थिक दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जिसके कारण अभिभावक मानसिक तनाव में हैं। एडमिशन फीस में भी 10 हजार रुपए की बढ़ोतरी की गई है। सरकार को फीस एक्ट का पालन करना चाहिए।