Rajasthan Government Schools: राजस्थान सरकारी स्कूलों मे अब बच्चों को स्थानीय भाषा में पढ़ाया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में योजना बनाई गई है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छोटे बच्चों को मायड़ भाषा में पढ़ाई कराई जाएंगी। साथ ही किताबों में भी कई बदलाव किए जाएंगें। बता दें कि सरकारी स्कूलों के दूसरी कक्षा तक के सभी बच्चों को स्थानीय भाषा सिखाने के लिए पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।
7 लाख बच्चों को पढ़ाया जाएगी स्थानीय भाषा
राज्य के विभिन्न हिस्सों में बोली जाने वाली भाषाओं के मुताबिक किताबें तैयार की जाएंगी। इसमें हाड़ौती, ढूंढाड़ी, शेखावाटी, मेवाती, ब्रज आदि भाषाएं शामिल है। शिक्षा विभाग की ओर से स्कूली किताबें लाने के लिए शब्दकोश बनाएं जाएंगें। इसके कम्पलीट होने के बाद राज्य के कुल 7 लाख बाल वाटिका (नर्सरी) से लेकर दूसरी कक्षा तक के बच्चों को स्थानीय भाषा का ज्ञान दिया जाएगा।
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वेदों का दिया जाएगा ज्ञान
इसके अलावा बच्चों को संस्कृति-धर्म का भी ज्ञान दिया जाएगा। इसके लिए संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से वेद विद्यालय खोले जाएंगे। इनमें छठीं कक्षा से ऊपर के सभी बच्चों को वैदिक ज्ञान दिया जाएंगा। राज्य में फिलहाल कुल 19 वेद विद्यालय बने हुए है, जो अलग-अलग निजी संस्थाओं द्वारा संचालित किए जा रहे है।
लेकिन अब सरकार की ओर से भी वेद शिक्षा के लिए स्कूल खोलें जाएंगें। संस्कृत शिक्षा विभाग इसके लिए वेद पारंगत शिक्षकों की भर्ती करेगा। स्कूलों में वेद के साथ-साथ अन्य विषय भी पढ़ाए जाएंगे और शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न विषयों के शिक्षक लाएं जाएंगें।
स्थानीय भाषा को दिया जाएगा बढ़ावा
राज्य सरकार की इस नई पहल से स्थानीय भाषा को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही छोटे बच्चे अपनी भाषा को सीख पाएंगें। लोकल लैंग्वेज के तहत किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी और जैसे जैसे वे आगे कक्षा में जाएंगे उन्हें वेदों का भी ज्ञान दिया जाएगा। इससे आदिवासी क्षेत्र के बच्चों को काफी लाभ मिलेगा।