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Bollywood Stars: राजस्थान ने हिंदी सिनेमा को कई निर्देशक और निर्माता दिए हैं। उनकी फिल्में आज भी सभी को पसंद आती हैं। उन्होंने फिल्म उद्योग को बहुत कुछ दिया है और बॉलीवुड में उनकी एक अलग पहचान है।

Bollywood Stars: राजस्थान और बॉलीवुड का गहरा संबंध है। यहां से कई अभिनेता और अभिनेत्रियां अपनी बेहतरीन अदाकारी से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बना चुके हैं। इसके साथ ही, कई गायक भी राजस्थान की आवाज़ को पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। वहीं, कुछ निर्देशक और निर्माता भी राजस्थान की मिट्टी से निकलकर फिल्म इंडस्ट्री में पहुंचे और उन्होंने शानदार फिल्में दीं। इनमें असरानी से लेकर मणि कौल तक के नाम शामिल हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

असरानी 

गोवर्धन असरानी हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध कॉमेडी एक्टर हैं। उनका जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर में हुआ था। वे चार बहनों और तीन भाइयों में से एक थे। असरानी ने अपनी पढ़ाई जयपुर के सेंट जेवियर स्कूल से की और राजस्थान 

कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे रेडियो आर्टिस्ट के रूप में काम करने लगे। असरानी ने अब तक 300 से अधिक हिंदी और गुजराती फिल्मों में अभिनय किया है। अपने पांच दशक लंबे करियर में उन्होंने लगभग हर बड़े अभिनेता के साथ काम किया है। 

रामकुमार बोहरा 

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, निर्देशक और अभिनेता रामकुमार बोहरा का जन्म 2 अगस्त, 1928 को जोधपुर में हुआ था। बड़े भाई श्रीराम के कहने पर वे घर से भागकर मुंबई आ गए और फिल्म निर्माण में उनका सहयोग करने लगे। मुंबई में दोनों भाइयों ने अपना उपनाम बदलकर 'वोरा' कर लिया। 1951 में उनकी पहली फिल्म 'लचक' आई, जो फ्लॉप हो गई और वे दिवालिया हो गए। लेकिन 1958 में उन्होंने फिल्म 'अल-हिलाल' बनाई, जिसका गाना 'हमें तो लूट लिया' बहुत लोकप्रिय हुआ और उनका करियर फिर से शुरू हो गया। 

बासु चटर्जी  

10 जनवरी 1930 को अजमेर, राजस्थान में जन्मे बासु चटर्जी हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध निर्देशक थे, जिन्होंने मिडिल क्लास परिवारों की वास्तविकता को अपनी फिल्मों में बखूबी दिखाया। उन्होंने कई टीवी सीरियल्स भी बनाए। बासु चटर्जी ने ब्लिट्स पत्रिका में कार्टूनिस्ट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। वे मथुरा में पले-बढ़े और सिनेमा में उनकी रुचि मुंबई आने के बाद बढ़ी। फिल्म 'तीसरी कसम' से उन्होंने फिल्म निर्देशन में कदम रखा। उनकी पहली फिल्म 'सारा आकाश' थी, और 'जीना यहां' उनकी सबसे पसंदीदा फिल्म थी। 

चंद्रप्रकाश द्विवेदी 

26 फरवरी, 1960 को जन्मे चंद्रप्रकाश द्विवेदी का संबंध राजस्थान के सिरोही से है। पेशे से डॉक्टर रहे द्विवेदी का मन हिंदी साहित्य में ही रमता था, जिसके कारण उन्होंने डॉक्टरी छोड़कर फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। 1990 से 1992 के बीच उन्होंने 'चाणक्य' की पटकथा लिखी और उसका निर्देशन व अभिनय भी किया। इसके बाद उनके शो 'मृत्युंजय', 'एक और महाभारत' और 'उपनिषद गंगा' को भी खूब सराहा गया। 2003 में आई फिल्म 'पिंजर' का निर्देशन उन्होंने किया, जो विभाजन की पृष्ठभूमि पर आधारित थी। उनकी हाल की फिल्म 'पृथ्वीराज' में अक्षय कुमार ने अभिनय किया है। 

मणि कौल 

मणि कौल, जो कश्मीरी पंडित थे, का जन्म 25 दिसंबर, 1944 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ था। उनका असली नाम रवींद्र नाथ कौल था। मणि कौल ने साहित्यिक कहानियों और नाटकों पर आधारित कई फिल्में बनाईं। उनकी पहली फिल्म 'उसकी रोटी' थी, जिसे फिल्मफेयर क्रिटिक अवॉर्ड मिला था। 'आषाढ़ का एक दिन', 'दुविधा' और 'इडियट' जैसी फिल्मों के लिए उन्हें खूब सराहा गया। ठुमरी गायिका सिद्धेश्वरी देवी पर बनाई गई उनकी डॉक्यूमेंट्री को नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था। मणि कौल को पैरेलल सिनेमा के अग्रणी फिल्मकारों में गिना जाता है।

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