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TV star Karanvir Bohra: करणवीर का परिवार बॉलीवुड से जुड़ा जरूर था, लेकिन उन्होंने अपनी पहचान खुद बनाई। टीवी में तो उन्हें सफलता मिली, लेकिन फिल्मों में वो मुकाम हासिल नहीं कर सके।

TV star Karanvir Bohra: टीवी जगत के लोकप्रिय चेहरे करणवीर बोहरा को दर्शक कई पॉपुलर शो में देख चुके हैं। लेकिन इस चमकदार करियर के पीछे उनकी जिंदगी का एक मुश्किल सफर भी छिपा है। राजस्थान के जोधपुर में जन्मे करणवीर का असली नाम मनोज बोहरा है। एक मारवाड़ी फिल्मी परिवार से होने के बावजूद, उन्हें भी संघर्ष और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा।

फिल्मी करियर

करणवीर का जन्म एक फिल्मी पृष्ठभूमि वाले परिवार में हुआ था। उनके पिता महेंद्र बोहरा एक फिल्म निर्माता हैं और उनके दादा रामकुमार बोहरा भी एक्टर और प्रोड्यूसर थे। करणवीर ने 1990 में आई फिल्म ‘तेजा’ में बाल कलाकार के रूप में करियर की शुरुआत की। इसके बाद ‘जस्ट मोहब्बते’ नामक शो के जरिए टीवी की दुनिया में कदम रखा। लेकिन उन्हें असली पहचान मिली सीरियल ‘शरारत’ से, जिसमें उनकी लीड भूमिका को दर्शकों ने खूब सराहा।

करणवीर का टीवी सफर बेहद सफल रहा। उन्होंने ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कसौटी जिंदगी के’, ‘दिल से दी दुआ… सौभाग्यवती भव?’, ‘कुबूल है’, और ‘नागिन 2’ जैसे हिट शोज में काम किया। इसके अलावा, उन्होंने ‘नच बलिए 4’, ‘झलक दिखला जा 6’, और ‘बिग बॉस 12’ जैसे रियलिटी शोज़ में भी भाग लिया और हर शो में अपनी खास जगह बनाई।

कर्ज में भी फंसे 

इतनी सफलता के बावजूद, करणवीर की जिंदगी में आर्थिक संघर्ष भी आए। कई प्रोजेक्ट्स के बावजूद, वे कर्ज में फंस गए। खुद करणवीर ने शो ‘लॉकअप’ के दौरान अपने संघर्ष का खुलासा किया कि उन्हें कर्जों से उबरने में सालों लग गए। उन्होंने ये भी कहा कि उनकी जगह अगर कोई और होता, तो शायद ये कठिनाई झेल न पाता। लेकिन करणवीर ने हर चुनौती का सामना किया और आगे बढ़ते रहे।

फैमिली बैकग्राउंड

करणवीर की शादी मॉडल और वीजे तीजे सिद्धू से हुई है। उनके तीन प्यारे बच्चे हैं। कठिन वक्त में भी करणवीर ने अपने परिवार का साथ नहीं छोड़ा और उनकी हर जरूरत का ख्याल रखा। परिवार के सहयोग ने करणवीर को मुश्किल समय में भी मजबूती दी और उन्हें फिर से खड़े होने की हिम्मत दी।

करणवीर का परिवार बॉलीवुड से जुड़ा जरूर था, लेकिन उन्होंने अपनी पहचान खुद बनाई। टीवी में तो उन्हें सफलता मिली, लेकिन फिल्मों में वो मुकाम हासिल नहीं कर सके। उनके संघर्ष की कहानी इस बात का सबूत है कि फैमिली बैकग्राउंड कभी भी मेहनत और लगन का विकल्प नहीं हो सकता। उन्होंने अपने करियर को सफल बनाने के लिए बहुत मेहनत की और चुनौतियों का डटकर सामना किया।

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