Gazal Singer Jagjit Singh: बॉलीवुड के 'गजल किंग', जगजीत सिंह ने हिंदी के साथ कई अन्य भाषाओं में भी गाने गाए हैं। उनका जन्म राजस्थान के एक सिख परिवार में हुआ था। पहले उनका नाम जगजीवन सिंह था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे जगजीत सिंह कर लिया। उन्होंने अपनी पढ़ाई जालंधर में की।
करियर की शुरुआत
जगजीत सिंह ने अपने करियर की शुरुआत 1961 में ऑल इंडिया रेडियो में गाने से की थी। उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा पंडित छगन लाल शर्मा और उस्ताद जमाल खान से ली थी। 1965 में, जगजीत सिंह बिना परिवार को बताए मुंबई आ गए। वहां काफी संघर्ष के बाद, उन्हें हिंदी सिनेमा में गाने का मौका मिला।
चित्रा से प्रेम कहानी
1967 में, जब जगजीत काम की तलाश में थे, उनकी मुलाकात चित्रा दत्ता से हुई। चित्रा उस समय शादीशुदा थीं। जगजीत और चित्रा एक-दूसरे को पसंद करने लगे। दिसंबर 1969 में, चित्रा ने अपने पति को तलाक देकर जगजीत से शादी कर ली। चित्रा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वह 22 साल की थीं, तब उन्होंने पहली बार जगजीत का गाना सुना था। शुरुआत में उन्हें उनकी आवाज पसंद नहीं आई, लेकिन धीरे-धीरे वह उनकी आवाज की दीवानी हो गईं।
संगीत में पहचान
जगजीत सिंह, चित्रा के गुरु भी रहे. दोनों ने साथ में कई कॉन्सर्ट किए. 1980 तक, जगजीत सिंह गजल किंग बन चुके थे। उन्होंने कई प्राइवेट एलबम बनाए और फिल्मी गाने भी गाए, जैसे 'प्रेम गीत', 'अर्थ', 'जिस्म', 'तुम बिन', और 'जॉगर्स पार्क'।
बेटे की मौत से हुए दुखी
जगजीत और चित्रा का एक बेटा भी था जिसका नाम विवेक था। विवेक की 20 साल की उम्र में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इस घटना ने जगजीत और चित्रा को बहुत दुखी कर दिया। जगजीत ने संगीत से दूर जाने का सोचा और करीब एक साल तक गाना नहीं गाया। धीरे-धीरे, वे फिर से संगीत की दुनिया में लौट आए. चित्रा ने बेटे के निधन के कारण अपने रिटायरमेंट की घोषणा की।
सम्मान और निधन
जगजीत सिंह को 2003 में 'पद्म भूषण' से नवाजा गया था। उन्हें UK (यूनाइटेड किंगडम) में गुलाम अली के साथ साल 2011 में परफॉर्म करना था, लेकिन 23 सितंबर 2011 को उन्हें ब्रेन हैमरेज के कारण मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। वे दो हफ्ते तक कोमा में रहे और 10 अक्टूबर 2011 को उनका निधन हो गया।