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भारत में भी कई ऐसी जगहें हैं, जो कुछ खास तरह के दृश्यों को फिल्माने के लिए मशहूर हैं। ऐसी ही एक अनोखी जगह है राजस्थान के झुंझुनू जिले का मंडावा।

फिल्मों में लोकेशंस का बहुत बड़ा महत्व होता है। कई बार ये जगहें कहानी को मजबूती देती हैं, तो कभी सिर्फ विजुअल्स को खास बनाने के लिए चुनी जाती हैं। ऐसे में फिल्म निर्माता और निर्देशक दुनिया भर में घूमते हैं ताकि कहानी के अनुसार सही जगह मिल सके। इसी प्रक्रिया को फिल्मी भाषा में 'रेकी' कहा जाता है।

भारत में भी कई ऐसी जगहें हैं, जो कुछ खास तरह के दृश्यों को फिल्माने के लिए मशहूर हैं। ऐसी ही एक अनोखी जगह है राजस्थान के झुंझुनू जिले का मंडावा। अपनी प्राचीन हवेलियों, किलों और खुले मैदानों के कारण मंडावा फिल्मकारों की पहली पसंद बन चुका है। खासकर तब, जब उन्हें पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती इलाकों को पर्दे पर दिखाना हो। 

क्यों कहा जाता है मंडावा को 'बॉलीवुड का पाकिस्तान'?

मंडावा के खुले मैदान, रेत के टीले और इसकी पुरानी हवेलियां फिल्मों में पाकिस्तान का सीन दिखाने के लिए इस्तेमाल होते हैं। सलमान खान की सुपरहिट फिल्म बजरंगी भाईजान (2015) में जो Indo-Pak बॉर्डर दिखाया गया है, वह मंडावा में ही फिल्माया गया था। इस फिल्म के कई महत्वपूर्ण सीन यहीं शूट किए गए थे। इसके अलावा, आमिर खान की PK (2014) फिल्म में जब उनका किरदार पहली बार धरती पर कदम रखता है, वह जगह भी मंडावा ही है। 

क्यों पसंद करते हैं फिल्मकार मंडावा को?

मंडावा न केवल अपनी खूबसूरती के लिए बल्कि शूटिंग की लागत में किफायती होने के कारण भी फिल्ममेकर्स की पसंदीदा जगह है। यहां पर शूटिंग करना न केवल सस्ता पड़ता है बल्कि फिल्म निर्माताओं को मनचाही लोकेशन भी आसानी से मिल जाती है। यही वजह है कि मंडावा कई बड़ी फिल्मों का हिस्सा रह चुका है। इसके अलावा कच्चे धागे (1999), गुलामी (1985), लव आज कल (2020), पहेली (2005) और ऐ दिल है मुश्किल (2016)जैसी कई फिल्मों की शूटिंग भी मंडावा में हुई है। 

मंडावा को लकी मानते हैं कई फिल्मकार

फिल्ममेकर्स मंडावा को लकी भी समझते हैं। कई फिल्मकारों का मानना है कि यहां शूट की गई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं। इसी वजह से मंडावा की लोकप्रियता और बढ़ गई है। कई निर्माता-निर्देशक अक्सर यहां सिर्फ गाने या कुछ खास दृश्यों की शूटिंग के लिए भी आते हैं। 'जब वी मेट फिल्म' में "आओ मिलो चलें" गाने की शूटिंग भी मंडावा में की गई थी, जबकि कहानी का मंडावा से कोई सीधा संबंध नहीं था। यह बताता है कि फिल्मकारों को यहां की लोकेशन कितनी पसंद है। 

घूमने के लिए बेहतरीन जगह

मंडावा सिर्फ फिल्मों के लिए ही नहीं, बल्कि घूमने के लिहाज से भी बेहतरीन जगह है। हर साल हजारों पर्यटक इसकी प्राचीन हवेलियों और स्थानीय संस्कृति का आनंद लेने यहां आते हैं। मंडावा के आसपास चूरू, झुंझुनू, सीकर और बीकानेर जैसे ऐतिहासिक स्थान भी हैं, जो इसे घूमने के लिहाज से और भी खास बनाते हैं।

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