Rajasthani Cinema: राजस्थान का ख्याल आते ही दिमाग में सबसे पहले यहां का कल्चर, ऐतिहासिक किले, इमारतें, नृत्य और फॉल्क म्यूजिक आता है। वहीं दूसरी तरफ यहां ऐसी भी चीज है जिस पर लोगों का ध्यान नहीं जाता है, वो है राजस्थानी सिनेमा। राजस्थान का सिनेमा का इतिहास काफी गौरव पूर्ण रहा है। राजस्थान की पहली फिल्म नजराना थी। जो कि 1941 में रिलीज हुई थी। एक समय था जब राजस्थान में खूब फिल्में बना करती थी, जिन्हें लोग भी काफी पसंद करते थे। वहीं धीरे धीरे राजस्थानी फिल्म बनना कम हो गई। आज हम बताएंगे कि आखिर क्यों राजस्थानी फिल्में बनना बंद गई।
राजस्थानी फिल्में कम बजट की होती है
राजस्थान में निर्मित और बनाई गई फिल्में राजस्थानी सिनेमा के अंदर आती है। इन फिल्मों में ज्यादातर मारवाड़ी, मेवाड़ी, ब्रजभाषा जैसी राजास्थान की क्षेत्रीय भाषा बोली जाती हैं। वहीं ज्यादातर राजस्थानी फिल्में कम बजट की होती है। जिस कारण यह ब्रोड लेवल पर रिलीज नहीं हो पाती हैं। इन्हें बॉलीवुड के मुकाबले कम सफलता हासिल होती है। वहीं हिंदी फिल्मों के मुकाबले राजस्थानी फिल्मों के लिए दर्शक आधार भी कम हैं।
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टैक्स ज्यादा होने के कारण
वहीं राजस्थान फिल्में कम बनने का एक कारण मनोरंजन कर भी है। टैक्स ज्यादा होने के कारण लोग यहां की फिल्मों को नहीं देख पाते हैं। हांलाकि राजस्थान सरकार ने राजस्थानी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास भी किए हैं।
वहीं बॉलीवुड की फिल्मों की शूटिंग के लिए राजस्थान अपनी खूबसूरती के लिए पसंदीदा स्थान बन चुका है। यहां पर कई हिंदी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी हैं, जिन्हे लोगों द्वारा खूब पसंद किया गया है।