Mango Kalakand : भारत के मिठाइयों का अलग ही क्रेज है। विश्व पटल पर भी भारतीय मिठाइयां अपनी पहचान बनाई हुई है। बात करें गुलाब जामुन अपने स्वाद और खुशबू के कारण विदेश में काफी लोकप्रिय है। बंगाल और उड़ीसा के रसगुल्ला विदेश में खूब प्रचलित हैं,फिर चाहे भारतीय लड्डू,काजू कतली,जलेबी हो विदेशी लोगों बड़े चाव से खाते है। इसी सूची में एक और मिठाई शामिल है जो फलों के राजा आम से तैयार की जाती है। राजस्थान के अजमेर जिले में आम का कलाकंद तैयार बनाया जाता है। ये केवल चुनिंदा दुकानों पर ही तैयार की जाती है।
चुनिंदा दुकानों पर ही तैयार होती मेंगो कलाकंद
पिछले कई सालों से अजमेर में आम का कलाकंद तैयार किया जा रहा है। यहां के स्थानीय लोगों और पर्यटकों को कोई मिठाई काफी पसंद आती है। हापुस आम से कलाकंद तैयार किया जाता है। हापुस आम का स्वाद इतना बेहतरीन होता है कि इसका उपयोग मिठाइयों के लिए किया जाता है। वैसे तो अजमेर में बहुत सारे मिठाइयों की दुकान है लेकिन हापुस आम से तैयार कलाकंद केवल चुनिंदा दुकानों पर ही मिलती है। ज्यादातर मिठाई दरगाह की गलियों में बनती है। उसके अलावा मदार गेट के आसपास भी मिठाई तैयार की जाती है।
विदेशी बाजार में भी पहुंची मिठाई
आम का कलाकंद केवल स्थानीय बाजार तक ही नहीं विदेशों में भी बिकने लगा है। हापुस आम का स्वाद इतना बेहतरीन होता है कि इससे बनी मिठाइयां अपने स्वाद के लिए पहचानी जाती है। यही कारण है कि इस मिठाई की मांग विदेशों में भी बढ़ गई है।
जानें मेंगो कलाकंद बनने की विधि
अजमेर दरगाह आने वाले हेलो इसमें मिठाई का स्वाद एक बार जरूर चखते है। 500 रुपए किलो के हिसाब से ये मिठाई बिकती है। मैंगो कलाकंद तैयार करने में तीन से चार घंटे का वक्त लगता है। मैंगो कलाकंद तैयार करने के लिए सबसे पहले कड़ाही में दूध को धीमी आंच पर पकाया जाता है। जब दूध हल्का पक जाता है तो इसमें आम की स्लाइस डाली जाती है। फिर उसके बाद शक्कर डालकर भट्टी पर दूध की खूब पकाया जाता है। अच्छे से पक जाने के बाद इस प्लेट में निकाल कर जमाया जाता है। जिसके बात इसमें खुशबू के लिए इलायची पाउडर सजावट के लिए ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल किया जाता है।
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