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Rajasthan wheat procurement 2025: प्रदेश में 10 मार्च से गेहूं खरीद की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। गेहूं की गुणवत्ता के आधार पर किसानों को भुगतान किया जाएगा। 14 प्रतिशत से ज्यादा नमी होने पर स्टॉक को अस्वीकार भी किया जाएगा। किसान अपना पंजीयन जल्द करवा लें।

Rajasthan Farmer News: राजस्थान में गेहूं किसानों की गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होने वाली है। यह गेहूं खरीद की प्रक्रिया 10 मार्च से शुरू हो जाएगी। लेकिन इसके लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं और अगर किसानों के गेहूं की गुणवत्ता तय मानकों के अनुसार नहीं होती है तो, किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है। गेहूं में 12 प्रतिशत तक की नमी पाए जाने पर दाम में कटौती की जाएगी और अगर स्टॉक में 14 प्रतिशत से ज्यादा नमी मिलती है तो, स्टॉक की अस्वीकार कर दिया जाएगा। 

बेचने के लिए Online पंजीयन करना होगा

समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की प्रक्रिया 10 मार्च से शुरू होने वाली है। अपना स्टॉक बेचने के लिए किसान 25 जून तक ऑनलाइन पंजीयन करवा सकते हैं। साथ ही गेहूं की गुणवत्ता के लिए भी शर्ते लगाई गई हैं। जिसके बाद ही स्टॉक को खरीदा जाएगा। 1 प्रतिशत से ज्यादा घुन लगे होने पर स्टॉक को पूरी तरह अस्वीकार कर दिया जाएगा। इसके अलावा स्टॉक में संक्रमण पाए जाने पर 2 रुपए प्रति क्विंटल की कटौती की जा सकती है। 12 व 14 प्रतिशत स्टॉक में नमी पाए जाने पर भुगतान में कटौती की जाएगी। राज्य सरकार ने इस बार 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है। 

गेहूं का समर्थन मूल्य इतना होगा

प्रदेश में गेहूं और मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होने वाली है। गेहूं की खरीद 10 मार्च से 30 जून तक और मूंगफली की खरीद की अवधि पहले से बढ़ाकर 10 मार्च तक कर दी गई है। इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य 2,425 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। इसके अलावा किसानों को 150 रुपए प्रति क्विंटल तक का बोनस भी दिया जाएगा। 

मूंगफली खरीद की अवधि बढ़ी

गौतम कुमार दक (राज्य सहकारिता मंत्री) बताते हैं कि प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए मूंगफली खरीद की तिथि को पहले से बढ़ाकर 10 मार्च तक कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखकर मूंगफली तिथि बढ़ाने के लिए आग्रह किया गया था, जिसको स्वीकार कर तिथि बढ़ा दी गई है। साथ ही जो किसान खरीद के लिए पहले से पंजीकरण करा चुके हैं, वे बिना किसी बाधा के अपना स्टॉक बेच सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को नियमों के अनुसार पात्र किसानों के स्टॉक की सही तुलाई करवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही तुलाई केंद्रों पर किसी प्रकार की कोई समस्या न हो, उसके लिए केंद्र प्रभारियों को सख्त निदेश दिए गए है।

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