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Bhadla Solar Park : भड़ला सोलर पार्क राजस्थान जोधपुर में स्थित है। सूरज की रोशनी से 2245 मेगावाट की बिजली उत्पन्न होती है।सोलर पैनल के साफ सफाई का जिम्मा रोबोट को सौंपा गया है।

Bhadla Solar Park : दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क राजस्थान के भड़ला में उपस्थित है। मंडल सोलर पार्क 14000 एकड़ में फैला हुआ है जो इस विश्व की सबसे बड़ी सौर परियोजना बनाती है। भड़ला सोलर पार्क इतना बड़ा है कि गुजरात का 200 से ज्यादा नरेंद्र मोदी स्टेडियम इसमें समा सकता है। भड़ला सोलर पार्क राजस्थान जोधपुर में स्थित है। इस सोलर पार्क में 18 बड़ी कंपनियों के 36 सोलर प्लांट लगे हुए हैं।

इसके पहले कर्नाटक में सबसे बड़ा सोलर प्लांट था लेकिन अब कर्नाटक दूसरे स्थान पर है और पहले स्थान पर भड़ला सोलर पार्क है। सूरज की रोशनी से 2245 मेगावाट की बिजली उत्पन्न होती है। इस विशाल सोलर पैनल पार्क को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे सोलर पैनल का कोई शहर बसा है। इसकी खूबसूरती को सेटेलाइट से भी देखा जा सकता है। सेटेलाइट से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि भड़ला में धरती पर नीले रंग का आसमान बसा हो।

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सोलर पैनल की देखरेख करते है रोबोट 

सोलर पैनल के साफ सफाई का जिम्मा रोबोट को सौंपा गया है। भड़ला सोलर पार्क चारों तरफ रेत से घिरी हुई है। जिस कारण से रेत की मिट्टी उड़कर सोलर प्लेट पर आती है। सोलर प्लेट पर मिट्टी की परत जमने के कारण बिजली नहीं बन पाती है। जिस कारण से इसकी सफाई के लिए रोबोटों को जिम्मा सौंपा गया है। 

स्थानीय लोगों को मिला रोजगार 

इस सोलर पार्क में कई कंपनियों ने अपना निवेश किया है । यहां टेक्निशियनों की बड़ी संख्या में जरूरत थी। आसपास के इलाकों के रहने वाले युवा जिसने आईटीआई और पॉलिटेक्निक की है उनके उनको यहां टेक्नीशियन की नौकरी मिली।

लाखों घरों के मिल रही बिजली सप्लाई 

बता दे कि इस सोलर प्लांट से लाखों घरों को प्रतिदिन रोशनी मिलती है। यहां से 2.25 GW की बिजली सप्लाई की जाती है। भड़ला सोलर प्लांट न सिर्फ घरों को रोशनी करता है बल्कि इको फ्रेंडली के साथ पावर की लागत को भी काम करता है।

भड़ला को ही सोलर पार्क ​​क्यों चुना गया ?

भड़ला को सोलर पार्क इसलिए चुना गया यहां गर्मी ज्यादा होने के साथ-साथ सूर्य की किरणे भी सीधी पड़ती है। सोलर पार्क बनाने के लिए सबसे ज्यादा टेंपरेचर वाली जमीन की जरूरत पड़ती है और हजारों एकड़ बंजर जमीन की भी जरूरत पड़ती है जिसको भंडला ने पूरा किया। सोलर प्लांट के लिए 25 से 30 डिग्री टेंपरेचर की जरूरत पड़ती है। रिसर्च करने के बाद यह सारी खूबी भड़ला में पाया गया इसलिए इसको चुना गया।

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