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Rajasthan Mil Test Report: राजस्थान में कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन की तरफ से समस्त प्रदेश दूध का दूध, पानी का पानी अभियान के माध्यम से लिए गए दूध सैंपलों में 7299 सैंपल में से 3475 में सैंपल में पानी की मात्रा मिली है।

Rajasthan Mil Test Report: राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन की ओर से चलाए जा रहे दूध का दूध, पानी का पानी अभियान में दूध के सैंपल से चौंकाने वाले परिणाम सामने आ रहे हैं। जिसके आधार पर राजस्थान में 100 प्रतिशत में से 50 प्रतिशत आबादी मिलावट किये जा रहे दूध को शुद्ध दूध की कीमत में खरीदकर पी रही है। 

राजस्थान में एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसका नाम दूध का दूध, पानी का पानी है इस अभियान का उद्देश्य दूध में मिलावट की मात्रा का पता लगाना है। इसमें मिलावटी दूध में दूध से ज्यादा मात्रा पानी की पाया गई है व पानी के साथ कुछ मात्रा ऐसे केमिकल की पाई है, जिसमें इन कैमिकलों का उपयोग दूध को लंबे समय तक रखने के लिए किया जाता है, इस तरह के कैमिकल से कई तरह की बीमारियां होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। 

दूध का दूध, पानी का पानी अभियान की शुरुआत 

राजस्थान में आरसीडीएफ की ओर दूध का दूध, पानी का पानी अभियान को 10 जनवरी से शुरू कर दिया गया है, जो 30 जनवरी तक चलेगा। इस अभियान में 10 जनवरी से लेकर से अब तक के दिनों में 7299 सैंपल की जांच की गई हैं। जिसमें लोगों द्वारा 200 स्थानों पर दूध के खुले सैंपल लेकर जांच के लिए आयोजित शिविर में पहुंचे थे। इन शिविर में पानी की मिलावट को लेकर जांच की गई, जिसमें 3475 सैंपल की मात्रा की पुष्टि की गई। इसका मतलब कुल 48.24 फीसदी सैंपल में पानी और 1.41 फीसदी सैंपल में केमिकल की मिलावट मिली हैं। 

जयपुर में दूध की जांच शिविर

राजस्थान की राजधानी में जयपुर में भी इस शिविर को शुरू किया गया, जिसमें 1365 सैंपल की जांच की गई। इन दूध के सैंपल में 682 सैंपल निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। जिसमें 49.97 फीसदी पानी की मिलावटी की पुष्टि की गई है। इन शिविर में लोगों ने सरस दूध के 345 सैंपल की जांच करवायी गई, लेकिन सरस के दूध में एक भी सैंपल में किसी भी तरह के मिलावट को नहीं दर्शाया गया। 

कार्रवाई के लिए लिखा पत्र

राजस्थान में ही नहीं, बल्कि ये पूरे देश में एक गंभीर समस्या बन कर उभर रही है, जो लोगों के हेल्थ पर बहुत बुरा असर डाल रहा। मिलाए जा रहे केमिकल व पानी की मात्रा को लेकर आरसीडीएफ की प्रबंध संचालक श्रुति भारद्वाज द्वारा खाद्य आयुक्त को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने इस पत्र में जिक्र करते लिखा है कि इस तरह की होने वाली गतिविधियों को रोकने व इन पर गंभीरता से कार्रवाई की जानी चाहिए। 

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