Rajasthan Farmer News: पहले ग्रामीण इलाकों में लगभग हर घर में बैल हुआ करते थे, जिनका उपयोग खेती और अन्य कार्य के लिए किया जाता था। ऐसे में बैलों, गायों और पशुओं की देखभाल भी हुआ करती थी। लेकिन आज के समय में बहुत ही कम ऐसे किसान है जो खेती के लिए बैलों का उपयोग करते है। ध्यान दें, जिन किसानों के पास बैल हैं उनके लिए बड़ी खुशखबरी है। राजस्थान सरकार ऐसे किसानों को सालाना 30 हजार रुपए देने का निर्णय किया है।
जैविक खेती को मिलेगा बढ़ेगा
राजस्थान सरकार ऐसे लघु एवं सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना चाहती है, जो आज भी परंपरागत तरीकों से खेती करते हैं। आज जहां आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग होता है। वहीं, कुछ लोग आधुनिक कृषि यंत्रों को खरीदने में सक्षम नहीं हैं। उनके लिए सरकार ने इस योजना को शुरू किया है। इससे जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। इस योजना से ग्रामीण भारत की खेती किसानी को भी एक नया जीवन मिलेगा।
किसे मिलेगा योजना का लाभ?
बता दें योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनके पास कम से कम दो बैल हों और वह इनका उपयोग खेती कार्य में कर रहे हों। ध्यान रहे बैलों की उम्र 15 वर्ष से कम होनी चाहिए। जिन लोगों के पास लघु या सीमांत कृषक होने का तहसीलदार से प्रमाणित प्रमाण पत्र होगा उन्हें ही लाभ मिलेगा। अनुदान के लिए जरूरी दस्तावेज जनाधार कार्ड और आधार कार्ड है।
कैसे करें आवेदन?
- किसान को पहले राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर जनाधार कार्ड से आवेदन करना होगा।
- इसमें आपको बैलों की जोड़ी के साथ फोटो पर अपलोड करनी होगी।
- बैलों की पशु बीमा पॉलिसी और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी अपलोड करना होगा।
- 100 रुपए के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पर शपथ पत्र, लघु सीमांत श्रेणी का तहसीलदार का प्रमाण पत्र सहित अन्य कार्ड अपलोड करने होंगे।
सरकार ने मांगी किसानों की सूची
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक बीडी शर्मा ने बताया कि सरकार से प्रदेश के बैल की जोड़ी रखने वाले किसानों के लिए सालाना 30 हजार रुपए देने का निर्णय किया है। फिलहाल सरकार की ओर से राज्य के ऐसे किसानों की सूची मांगी गई है जो आज भी बैल की जोड़ी से खेती करते है।