Rashtriya Poshan Pakhwada: पूरे भारत में राजस्थान को राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा लिस्ट में पहला स्थान मिला है। छत्तीसगढ़ से 9 लाख अधिक एंट्री होने से राज्य सबसे पहले नंबर है। जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश के 33 जिलों में इस साल कुल 11860962 एंट्री दर्ज की गई। वहीं छत्तीसगढ़ के 33 जिलों द्वारा कुल 10951961 एंट्री दर्ज की गई। वहीं 36 जिलों की ओर से महाराष्ट्र में 6712236 की एंट्री की गई है।
क्या है पोषण पखवाड़ा?
आठ मार्च 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा पोषण पखवाड़ा की शुरुआत की गई थी। इसका उद्देश्य देश की महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण की स्थिति को ठीक करना है। हर साल महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से पोषण पखवाड़ा मनाया जाता है। 15 दिनों तक यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। कुपोषण-मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से पोषण पखवाड़ा की शुरुआत की गई थी।
इतनी आयु के बच्चों को किया जाता है शामिल
बता दें कि पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत छह साल की उम्र तक के बच्चों को इसमें शामिल किया जाता हैं। साथ ही महिलाओं व बच्चों के पोषण को देखते हुए देश के हर राज्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसमें कन्वर्जन, टेक्नोलॉजी आदि के माध्यम से बच्चों के पैदा होते समय वजन के स्तर को ठीक करने का प्रयास किया जाता है।
इससे देश में कुपोषण के स्तर को कम करने का प्रयास किया जाता है। इस योजना के तहत किशोरियों, गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के खाने और उनके पोषण पर खास ध्यान दिया जाता हैं। दरअसल, किसी भी बच्चे के जन्म के बाद एक शिशु के पहले हजार दिन काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान बच्चे का मस्तिष्क और शारीरिक विकास होता है। यदि इस समय में बच्चे को अच्छा खाना या पोषण नहीं मिल पाता है तो आगे चलकर उस बच्चे को कई बीमारियां हो सकती है। इस योजना से शिशु की रोग-प्रतिरोधक क्षमता और स्वास्थ्य की नींव रखी जाती है।
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इस साल की थीम
पोषण पखवाड़े की इस साल की थीम मां और नवजात शिशु को पोषण देना व बचपन में मोटापे से लड़ना शामिल है। योजना के अंतर्गत सभी लाभार्थियों को डिजिटल के माध्यम से सुविधाएं दी गई हैं। इसके तहत डिलीवरी के बाद सभी महिलाओं को पोषण व नियमित हेल्थ चेकअप की सुविधा दी जाएगी।