Virus Pattern Change in Rajasthan: राजस्थान में मौसम बार बार करवट ले रहा है। जिस कारण कई वायरस अपना असर दिखाना शुरू कर देते हैं। इसी के चलते प्रदेश ने कई दिनों से ऐसा ही एक वायरस सक्रिय हो चुका है। यह वायरस हर बार अपने आप में म्यूटेशन करके अपग्रेड हो जाता है। लेकिन इस बार यह वायरस सीधे फेफड़ों पर वार कर रहा है। ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में अचानक से एक बूस्ट देखने को मिला है। इसके अलावा पोस्ट वायरल इफेक्ट के पुणे की तरह जीबी सिंड्रोम के मामले भी आने लगे हैं। फिलहाल अभी इनकी संख्या कम है।
ओपीडी में हालात खराब
जोधपुर के MDM और MGH अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोजाना 400 से ज्यादा नए मरीज वायरल का शिकार हो रहे हैं। उनमें भी सबसे ज्यादा फेफड़ों की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। डॉक्टरों का मानना है कि अभी यह वायरल होली तक सक्रिय रह सकता है। इस वायरल से धूम्रपान करने वाले और क्रोनिक बीमारी वालों को ज्यादा समस्या हो रही है।
इन लक्षणों का विशेष ध्यान रखें
यह वायरल सर्दी जुखाम से शुरू होता है और 2 से 3 दिन बाद सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है। जिससे ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। अभी अस्पतालों में मरीजों की संख्या ज्यादा नहीं है, लेकिन पोस्ट वायरल इफेक्ट के बुखार न्यूरो सिस्टम को यह प्रभावित कर रहा है।
GBS वायरल भी पोस्ट वायरल इफेक्ट के तहत अपना असर दिखा रहा है। इस प्रकार के सिंड्रोम से दिमागी बीमारी अपना असर दिखाने लगती है और बाद में यह जानलेवा भी बन सकती है। न्यूरो फिजिशियन का कहना है कि रोजाना इस प्रकार के 2-3 केस आ रहे हैं। इसमें मरीज का शरीर के तत्व काम करने बंद करने लगते हैं और ज्यादा हो जाए तो यह मरीज को कोमा में भी पहुंचा सकता है।
पुणे के बाद जोधपुर में अलर्ट
पुणे में भी इसी प्रकार के GBS वायरल से सबके मन में डर पैदा हो गया था और इसके लगातार केस भी बढ़ रहे थे। रोजाना 200-300 केस के आने से प्रशासन भी परेशान था। मरीजों को भर्ती करने के लिए भी अस्पतालों में जगह नहीं थी। अभी पिछले 20 दिनों में GBS के 50 से अधिक मरीज आ गए हैं। इसलिए जोधपुर में भी वायरल का अलर्ट दिया गया है।
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