Rajasthani Missi Roti: राजस्थानी मिस्सी रोटी यह सिर्फ स्वाद में लजीज नहीं होता है, इसके अलावा यह कई बिमारियों से भी बचाने में मदद करता है। यह आपका शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद करता है साथ ही इसे पेट की चर्वी भी कम होता है। अगर आप भी राजस्थान के लोकप्रिय मिस्सी रोटी को घरों में बनाना चाहते हैं तो जाने इसे खाने के फायदें और बनाने का आसान विधि।
मिस्सी रोटी समाग्री
.गेहूं का आटा
.चने का आटा
. मैदा
.हल्दी पाउडर
. मिर्ची पाउडर
. कसूरी मेथी
. अजवाइन
. अदरक
. हरी मिर्च
. सरसों तेल या घी
.प्याज
. जीरा
बनाने की विधि
इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक बड़ा बॉउल में 1 कप चने का आटा, गेहूं का आटा ½ कप, मैदा ½ कप, कॉर्नस्टार्च ¼ कप , हल्दी पाउडर,लाल मिर्च पाउडर ,नमक स्वादनुसार, सरसों तेल 2 चम्मच,कसूरी मेथी, अजवायन ½ चम्मच, अदरक, बारीक कटी हरी मिर्च और प्याज इन सभी को एक साथ मिला कर थोड़ा पानी डालकर नरम गूंथ ले। इसके बाद सुखा कपड़े से धक्क कर आधे घंटे के लिए रख दें। इसके बाद मिस्सी रोटी को तबे पर अच्छे तरह से पक्का ले। अब आपका मिस्सी रोटी तैयार है इसे आप चटनी, दही या सब्जी के सर्व करें।
मिस्सी रोटी खाने के फायदें।
पेट की चर्बी से छुटकारा
मिस्सी रोटी पेट के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है। क्योंकि चने के आटा में सेलेनियम, मैंगनीज, फॉस्फोरस विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जो हमारे पेट की चर्बी कम करने और पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में मदद करता हैं।
डायबिटीज कंट्रोल होता है
डायबिटीज मरीजों के लिए मिस्सी रोटी बहुत ही फायदेमंद होते हैं। क्योंकि इस रोटी में चने का आटा मिलाया जाता है और चने में ग्लिसेमिक इंडेक्स कम होता है जो शुगर लेवल कंट्रोल को कम करता है।
कोलेस्ट्रॉल का नियंत्रण
दरअसल चने के आटे में अनसैचुरेटेड फैट्स पाया जाता है। जो कि गेंहू के आटे के साथ मिलकर स्वास्थ के लिए लाभकारी साबित होता है। जिससे शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल मे रहता हैं।
गर्भावस्था के लिए है लाभकारी
माना जाता है कि गेंहू और चने के आटे की रोटी गर्भावस्था के लिए लाभकारी मानी जाती है। क्योंकि आटे में मौजूद फॉस्फोरस और कैल्शियम गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। यह गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग, रीढ़ की हड्डी और पूर्ण विकास के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व माने जाते हैं।