Chand Baori Abhaneri: दुनियाभर में राजस्थान एकलौता ऐसा प्रदेश है, जो अपनी प्राचीन संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है। इस राज्य की खूबसूरती न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। राजस्थान के मशहूर शहर के साथ-साथ राज्य के कुछ ऐसे फेमस गांव भी है, जो अपने इतिहास के लिए दुनियाभर में मशहूर है। इन गांवों में से एक है जयपुर का गांव आभानेरी, जहां की मशहूर चांद बावड़ी पूरे विश्व में जानी जाती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको इससे जुड़े कुछ रहस्यमय तथ्यों के बारे में बताएंगे।
चांद बावड़ी का इतिहास
आभानेरी गांव में स्थित चांद बावड़ी का निर्माण 9वीं शताब्दी में राजा मिहिर भोज द्वारा किया गया था। दरअसल राजा मिहिर भोज, चांद नाम से मशहूर थे इसलिए इस इमारत का नाम चांद बावड़ी रखा गया। बता दें कि चांद बावड़ी दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी मानी जाती है। यह बावड़ी इतनी गहरी है कि अगर कोई वस्तु उसमें गिर जाए तो वो विलुप्त हो जाती है। आपको बता दें कि इस बावड़ी को बीजापुर शैली की वास्तुकला से बनाया गया है। इस बावड़ी में मोर की प्रकृति का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इस बावड़ी में 13 मंजिल है, जिसमें 3500 सीढ़ियां है। यह बावड़ी 35 मीटर चौड़ी और 100 फीट से अधिक गहरी है।
भूलभुलैया नाम से भी जाना जाता है
इस बावड़ी की खास बात यह कि इस बावड़ी को एक ही रात में बनाकर तैयार कर दिया गया था। इसके अलावा लोगों का ऐसा दावा भी है कि इस बावड़ी को किसी इंसान ने नहीं बल्कि भूतों ने मिलकर बनाया है। इसे भूलभुलैया के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि एक बार इस गुफा में एक बारात रात को यहां उतरी थी, लेकिन बारात का कोई भी व्यक्ति वापस नहीं आया और वह बारात एक रहस्य बनकर रह गई।
चांद बावड़ी से जुड़ें रोचक तथ्य
ऐसा माना जाता है कि कोई भी इंसान एक ही सेट की सीढ़ियों के द्वारा बावड़ी के नीचे नहीं जा पाता और उसी रास्ते से कभी वापस ऊपर नहीं आ पाया। चांद बावड़ी को अंधेरे-उजाले की बावड़ी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि रात की चांदनी रोशनी में यह बावड़ी एकदम सफेद दिखाई पड़ती है।