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Charbhuja Mandir Rajasthan: चारभुजा नाथ का अर्थ है, जिसकी चार भुजा होती है अर्थात भगवान विष्णु। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार चारभुजा की पूजा के लिए जाना जाता है।

Charbhuja Mandir Rajasthan: चारभुजा नाथ राजस्थान का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है, जो मुख्य रूप से भगवान विष्णु के अवतार चारभुजा (हरि) की पूजा के लिए जाना जाता है। यह मंदिर राजस्थान के राजसमंद जिले की कुंभलगढ़ तहसील में स्थित गरभोर गांव में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और मंदिर की वास्तुकला के दर्शन करते हैं। यह मंदिर राजस्थानी शैली में है, जिसमें अनेक सुंदर शिल्पकला और भव्य मूर्तियां शामिल हैं। यहां भगवान चारभुजा की विशेष पूजा की जाती है, जो भक्तों के बीच अत्यधिक श्रद्धा का केंद्र है।

यहां प्रतिवर्ष दीपावली पर विशेष आयोजन होता है, जिसमें भक्तों की भीड़ बड़ी संख्या में भाग लेती है। यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतिक है, यहां का वातावरण शांत और आध्यात्मिक है। यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां की विशेष सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर भी इसे महत्वपूर्ण बनाती है।

प्रद्युमन ने बनाई थी चारभुजा नाथ की मूर्ती

चारभुजा नाथ की मूर्ति के बारे में मान्यता है कि मूर्ति भगवान श्री कृष्ण के पुत्र प्रद्युमन ने तैयार की थी। मान्यता है कि प्रद्युमन ने इस मूर्ति को बनाने के बाद इसे चारभुजा नमक गांव में स्थापित किया था, जिसके बाद यह स्थान धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण और पूजनीय हो गया। इस मूर्ति की विशेषता यह है कि इसमें भगवान विष्णु की चार भुजाएं दिखाई देतीं हैं, जो उनके दिव्य स्वरूप का प्रतीक मानी जाती हैं। इस मान्यता के कारण यह चारभुजा नाथ का मंदिर श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक महत्व रखता है।

चारभुजा नाथ मंदिर के कुछ रोचक तथ्य

1.    प्रद्युमन की मूर्ति: माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण के पुत्र प्रद्युमन ने इस मंदिर में भगवान चारभुजा की मूर्ति की स्थापना की, जिससे यह स्थान विशेष महत्व रखता है।

2.    चार भुजाएं: भगवान चारभुजा की मूर्ति में चार भुजाएं हैं, जो उनकी शक्ति और दिव्यता का प्रतीक हैं। यह विशेषता उन्हें अन्य देवी-देवताओं से अलग करती है।

3.    प्राकृतिक सौंदर्य: मंदिर चारभुजा गांव में स्थित है, जो पहाड़ी क्षेत्र में है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता भक्तों को आकर्षित करती है और यह एक शांत वातावरण प्रदान करती है।

4.    विशेष पूजा और अनुष्ठान: यहां हर साल विशेष त्योहारों और अनुष्ठानों का आयोजन होता है, जिसमें श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। नवरात्रि और दीपावली जैसे त्योहारों पर यहां विशेष महोत्सव मनाए जाते हैं।

5.    ऐतिहासिक संदर्भ: चारभुजा नाथ का मंदिर राजस्थान के प्राचीन मंदिरों में से एक है और इसकी शिल्पकला राजस्थानी स्थापत्य का बेहतरीन उदाहरण है।

6.    धार्मिक संगम: यह मंदिर विभिन्न धार्मिक मान्यताओं का संगम स्थल है, जहां भक्त विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा करते हैं।

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