rajasthanone Logo
Chari Dance: राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है किशनगढ़ का चरी नृत्य, जिसमें महिलाओं द्वारा सिर पर चरी रख उसमें आग लगाकार डांस किया जाता है।

Chari Dance: राजस्थान के कई लोक नृत्य आज भी दुनिया भर में प्रसिद्ध है, इन्हीं में से एक है राजस्थान के अजमेर के किशनगढ़ का चारी नृत्य। इस लोक नृत्य की खास बात यह है कि इसमें महिलाएं अपने सिर के उपर चरी रखती है और उसमें आग लगाकर फिर डांस करती है, इस नृत्य को आज भी कई गांवों में किया जाता है। महिलाओं के अपने परिवार के लिए दूर से पानी लाने के दृष्य को इस नृत्य की कला के माध्यम से पेश किया जाता है। राजस्थान की महिलाओं के दिनभर के संघर्ष को इस कला के जरिए प्रस्तुत किया जाता है। 

पानी लाते समय सिर पर रखी जाती है चरी 

राजस्थान में आज भी कई ऐसी जगहें मौजूद है जहां महिलाएं मीलो दूर जाकर पानी भरकर लाती है, चरी एक प्रकार का मटका होता है जिसे अक्सर महिलाएं अपने साथ पानी भरने के लिए लेकर जाती है। इस लोक नृत्य का उद्देश उन महिलाओं के संर्घष को दिखाना होता है जो मीलों चलकर अपने परिवार के लिए पानी लाती है। आज भी राजस्थान के गांवो में किसी मांगलिक अवसरों पर महिलाओं के द्वारा यह नृत्य किया जाता है।   

पीतल की चरी रखकर बनाना होता है संतुलन 

चरी नृत्य में महिलाओं को पिना पकड़े अपने सिर पर रखी पीतल की चरी को संतुलित करना पड़ता है, साथ ही डांस करते समय अपने हाथ, कमर और पैरो को भी संचालित करना पड़ता है। संतुलन बनाते समय उन्हें अपने पैरों से थिरकते हुए हाथों से अलग-अलग मुद्राएं बनानी पड़ती है।

चरी डांस की सबसे अनोखी बात यह है कि इस पीतल की चरी के ऊपर कपास से आग भी लगाई जाती है, चरी डांस को दुनिया भर में पहुंचाने के लिए आज भी कई जगह कल्चर कार्यक्रमों में चरी नृत्य पेश किया जाता है। जब महिलाएं यह नृत्य करती है तब साथ में पुरूषों द्वारा नगाड़ा, ढोलक, ढोल, हारमोनियम, थाली वाद्ययंत्रो बजाएं जाते है।

ये भी पढ़ें:- Alwar Clay Art: अलवर की कागजी मिट्टी कला...इसके बर्तन देख सोचिएगा इसे इस्तेमाल करें या इससे घर सजाएं

5379487