Chittar stone: राजस्थान का जोधपुर कई ऐतिहासिक इमारतों और किलों के लिए जाना जाता है। लेकिन इस शहर की पहचान ना केवल किलों की खूबसूरती तक सीमित है, बल्कि यहां का छित्तर पत्थर दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह पत्थर जोधपुर की धरती से निकलकर देश विदेश की कई ऐतिहासिक इमारतों में सजा हुआ है।
छित्तर पत्थर से जुड़ी कहानी
जोधपुर शहर का स्टोन पार्क छित्तर पत्थर की कहनी का प्रमुख केंद्र है। 50 एकड़ जमीन में फैला हुआ पार्क न केवल एक औद्योगिक केंद्र है बल्कि जोधपुरू पत्थर की कला व संस्कृति का भी प्रतीक माना जाता है। यह अनोखी कारीगरी पारंपरिक तरीकों और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से तैयार किया जाता है। लेजर मशीनें, 3D स्कैनिंग तकनीकें इस पत्थर को और भी सुंदर और आकर्षित बनाती है।
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दुनियाभर में प्रसिद्ध है जोधपुरी पत्थर
जोधपुरी पत्थर की खासियत है कि यह हजारों साल तक टिकाऊ रहता है, पानी के संपर्क में आने के बाद भी यह खराब नही होता है साथ ही यह बेहद मजबूत होता है। इसी कारण से यह दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इसके अलावा देश के नए संसद भवन, अयोध्या के रामलला मंदिर, जोधपुर एम्स, आईआईटी और कई अन्य ऐतिहासिक इमारतों में प्रयोग किया गया है। विदेशों में भी अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली के देशों में जोधपुरू पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।
उद्योग को मिली नई पहचान
स्टोन पार्क के पूर्व अध्यक्ष युधिष्ठिर देवड़ा ने जानकारी दी कि स्टोन पार्क के जोधपुरी पत्थर उदयोग को एक नई पहचान दी है। कुछ साल पहले इस पत्थर पर काम करने में काफी समय लगता था, लेकिन आज के समय में आधुनिक मशीनों की मदद से यह काम बहुत जल्दी हो जाता है
जोधपुर का गौरव माना जाता है यह पत्थर
जोधपुर का छित्तर पत्थर जोधपुर की संस्कृति, इतिहास और कारीगरी का प्रतीक माना जाता है। यह पत्थर जोधपुर को दुनियाभर में एक विशेष स्थान देता है।