Rajasthan Usta Art: राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है जो आज भी अपनी अनूठी कलाओं के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। टेकनोलोजिन के दौर में ये कलाएं कहीं ना कहीं लोगों के द्वारा नजरअंदाज कर दी गई है। समय के अभाव यहां की कई कलाएं लुप्त होती जा रही है, लेकिन राज्य के कलाकारों ने कुछ कलाओं को आज भी जीवित करके रखा है।
आज इस लेख के माध्यम से हम आपको राजस्थान के बीकानेर शहर की वो अनोखी कला के बारें में बताने जा रहे है, जिसमें ऊंट के चमड़े पर कारीगर के द्वारा मीनाकारी कला उकेरी जाती है। इस कला को ऊंट के अलावा लकड़ी, पत्थर और शिशों पर भी बनाया जाता है।
क्यों खास है उस्ता कला?
उस्ता कला को बनाने के लिए खास तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इस कला को नाबार्ड की ओर साल 2023 में जीआई टैग की मान्यता दी गई है। इस मान्यता से इस कला को अब विदेशों में भी जाना जाता है। लुप्त होती जा रही इस कला को नई दिशा दी गई है। जीआई टैग मिलने के बाद लोगों में इस कला को लेकर रूचि देखी गई है।
पहले पेपर पर बनाते हैं डिजाइन
इस कला को ऊंट पर उकरेने से पहले पेपर पर बनाकर देखा जाता है। इसके लिए कलम काले या फिर नीले रंग के कोयले से बनाई जाती है। ऊंट की खाल पर डिजाइन बनाने से पहले एक बर्तन में इसका पेस्ट बनाया जाता है। जिसमें मिट्टी के साथ गौंद या फिर गुड मिलाया जाता है।
2023 में उस्ता कला को दिया गया जीआई टैग
उस्ता कला को पूरी तरह लुप्त होने से बचाने के लिए नाबार्ड की ओर से दो साल पहले जीआई टैग दिया गया। इससे विदेश में भी लोग राजस्थान की इस अद्भुत को जान पाएंगे। राजस्थान के युवाओं और उस्ता कलाकारों की मदद से आज इस कला को नई पहचान मिल सकी है।
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