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Bayana Fort: राजस्थान का बयाना किला एशिया का सबसे बड़ा किला है। यह किला राजपूताने की शान का प्रतीक है, क्योंकि यहां राजपूत शासक ने पहला जौहर किया था।

Bayana Fort: राजस्थान के कई किले अपने इतिहास के लिए जानें जाते हैं। इन्हीं प्राचीन किलों में से एक है राजस्थान के बयाना जिले का बयाना किला, जहां पहला जौहर हुआ था। आपको बता दें कि यह किला एशिया का सबसे बड़ा किला है। बयाना शहर मुगल शासक के समय का एक प्रसिद्ध शहर हुआ करता था। जाटों द्वारा स्थापित बयाना का किला आज भी अपने आप अनूठी कलाकारी और इतिहास के लिए माना जाता है।

राज्य का बयाना शहर नील की मंडी के लिए मुगलों का आर्कषित केंद हुआ करता था। इतिहासकारों को मानना है कि बयाना आकर ही मुगल बादशाह बाबर ने शराब पीने की आदत को त्याग दिया था। शहर में आपको मुस्लिम समुदाय की आबादी ज्यादा मिल जाएगी। मुस्लिम समुदाय के बुजुर्गों का कहना है कि जब मुसलमानों का तीर्थ चुनने की बात चल रही थी तब मक्का और बयाना में केवल ढाई कब्र का अंतर दिखाई दिया था।

बताया जाता है कि अगर यह अंतर नहीं होता, तो आज मक्का की जगह दुनिया के सभी मुसलमान बयाना में तीर्थ करने आते। शहर में स्थित मस्जिद उषा मस्जिद भी काफी प्रसिद्ध मस्जिदों में एक जानी जाती है। मुसलमान समुदाय के अलावा हिंदु धर्म के कई प्राचीन मंदिर भी यहां स्थित है, जिनमें से भीतरबाड़ी का उषा मंदिर प्रसिद्ध है। 

यहां हुआ है पहला जौहर 

यह किला राजपूताने की शान का प्रतीक है, क्योंकि यहां राजपूत शासक ने पहला जौहर किया था। साल 1043 में अबूबकर कंधारी ने इस किले पर हमला कर दिया था। इस युद्ध में महाराज विजयपाल को जीत हासिल हुई थी, इसके बाद यादव सेना ने दुश्मन के झंडे लेकर किले की ओर सेना आगे बढ़ा थी। यह देख दुर्ग के रक्षक गजपाल ने सेना को हार का संदेशा भेजा जिसके बाद महाराजा विजयपाल ने तलवार से अपना सिर अलग कर दिया था। महाराजा के बाद राजपूतों की सेना ने जौहर कर लिया था। 

किले में अंदर है शिव मंदिर 

आपको बता दें कि बयाना किले के अंदर आपको एक प्राचीन शिव मंदिर मिलेगा, जिसे पहाड़ेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। सावन सोमवार और शिवरात्री के अवसर पर यहां लोगों का जमावड़ा देखने को मिलता है और स्थानीय लोगों के मुताबिक इस मंदिर में मांगी गई हर मनोकामना भगवान शिव पूरी करते हैं।

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