Rajasthan Famous Sword: राजा-महाराजओं की फेमस तलवारें आज भी सिरोही में बनायी जा रही हैं। सिरोही की प्रसिद्ध तलवार ने इस शहर को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है। सिरोही के महेंद्र लोहार कई पीढ़ियों से इस कला को जीवित रखे हुए हैं। उन्होंने तलवार बनाने का हुनर अपने पूर्वजों से सीखा है। उनका परिवार राजा-महाराजाओं के समय से तलवार बनाने का काम कर रहा है। पुराने वक्त में उनके पूर्वजों द्वारा बनाई गई तलवारें राजा-महाराजाओं द्वारा उपयोग की जाती थीं।
सिरोही में वर्तमान में भी लोहे को आग में पिघला कर हथौड़े से तलवार बनाते हैं। इस काम को पहले सैंकड़ो परिवार करते थे। लेकिन अब केवल एक परिवार ही इस काम को कर रहा है। क्योंकि परिवारों के लिए मजदूरी निकालना भी मुश्किल हो गया था। महंगाई के कारण मेहनत की सही कीमत नहीं मिल रही थी। इस वजह से सभी ने इन तलवारों को बनाना बंद कर दिया। लेकिन महेंद्र लोहार आज भी विशेष प्रकार की तलवारों के निर्माण में परिवार सहित जुटे हुए हैं। लेकिन अब वह एडवांस आर्डर पर ही राजा-महाराजाओं की तलवार बनाते हैं। इस कार्य के लिए उन्हें जिला स्तर पर कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।
सिरोही की पहचान
सिरोही की तलवार की खासियत यह है कि इसे परंपरागत तरीके से ही बनाया जाता है। इसके लिए गुजरात के अहमदाबाद से लोहा मंगाया जाता है। इसके बाद उसे भट्टी में तपाया जाता है। उसके बाद उसे निकालकर हथौड़े से पीट-पीट कर तलवार का आकार दिया जाता है। पुराने समय में पहले रोठी से यह तलवार बनायी जाती थी। इसके लिए जहरीले पदार्थों का मिश्रण भी इस्तेमाल किया जाता था। इसके बाद कुछ समय तक यह तलवार मध्यप्रदेश के मालवा से आने वाले कच्चे लोहे से भी बनाई गई थी।
तलवार की लंबाई और वजन
सिरोही तलवार की खासियत है कि यह बहुत ज्यादा भारी नहीं होती है। इसकी लंबाई ढ़ाई फीट के आसपास होती है। जबकि तलवार का वजन भी एक किलो से कम होता है। इसके बावजूद यह इतनी मजबूत होती है कि बिल्कुल मुड़ती नहीं है। साथ ही इसकी खासियत है कि इस्तेमाल करने के साथ-साथ इसकी धार बढ़ती जाती है। इसकी वजह से ही राजा-महाराजाओं के समय पर इस तलवार की काफी ज्यादा डिमांड होती थी।
अन्य प्रकार की तलवारें:
• नलदार: यह चंद्र आकार की तलवार होती है। इसे फौलाद से बनाया जाता है। बनाई जाती है।
• लहरिया: यह खास बी आकार के फौलाद के टुकड़ों से बनाई जाती है। पहले समय पर इसे सम्मानित व्यक्तियों के पास रखा जाता था।
• मोतीलहर: यह भी फौलाद से बनी होती है। जिसमें जगह-जगह स्लोट होते हैं। इससे निकालने पर आवाज आती है।
• साकिला: यह बिल्कुल ही सीधी तलवार होती है। यह रोटी की तरह बनाई जाती है।