rajasthanone Logo
Desi Style Shoe: जयपुर के किशनगढ़ रेनवाल में रहने वाले मुकेश के द्वारा बनाई गई मोजड़ी की मार्केट में खूब डिमांड है। उन्होंने अपनी अनोखी कलाकारी से कई डिजाइन बनाई है, जिसे खरीदने लोग दूर-दूर से आते हैं।

Desi Style Shoe: स्टाइलिश और फैशनेबल जूतियों के बीच देशी चमड़े की जूती कहीं लुप्त सी होती जा रही है। पर राजस्थान के किशनगढ़ के रहने वाले कारीगर मुकेश के द्वारा बनाए गए मोजड़ीयों चर्चा आज भी दूर-दूर तक होती है। ऐसी अनोखी कलाकारी और डिजाइन सिर्फ उनके बनाए गए जूतियों पर ही होती है, जिसे लोग खूब पसंद करते हैं। राजस्थान की देसी चमड़ी से बनी इन जूतों की कीमत 1000 से 2000 रुपए तक होती है। गांव के लोग आज भी यहीं से खरीदे हुए जूते पहनना पसंद करते हैं। 

इस मोजड़ी के सामने फेल है अच्छे ब्रांड के जूते

मोजड़ी बनाने वाले कारीगर इसमें किसी प्रकार का केमिकल का यूज नहीं करते हैं। वह आज भी इसे बनाने के लिए देसी चमड़ी का प्रयोग करते हैं। इसे बनाने वाले हस्त कारीगर का कहना है कि उनके दादा पिता सालों से मोजड़ियां बनाने का काम करते थे और अब वह भी पिछले 30 सालों से मोजड़ी बनाने का काम कर रहे हैं। राजस्थानी मोजड़ी बनाने की कला बिल्कुल अनोखी होती है, इसके लिए सबसे पहले बिना केमिकल का चमड़ा तैयार किया जाता है जिसे देसी चमड़ा कहां जाता है। इस प्रोसेस के बाद पैर के शेप के अनुसार डाई की मदद से मोजड़ी के ऊपर का हिस्सा तैयार किया जाता है। नीचे का भाग छोटी परतों को जोड़ कर तैयार किया जाता है, जिसके लिए एक विशेष प्रकार के धागे का उपयोग किया जाता है।

लंबे समय तक चलती है मोजड़ी  

देसी चमड़े से बनी ये मोजड़ी कम चमकीली होती है लेकिन यह पहनने में काफी आरामदायक होती है और लंबे समय तक चलती है। मार्केट में चमकीली और ज्यादा स्टाइलिश मोजड़ी आने के कारण देसी चमड़े की मांग अब कम हो गई है। ये मोजड़ी लोगों को काफी सस्ते दाम में मिल जाती है और इसमें लोगों के पास बहुत ऑप्शन होते हैं। पर देसी मोजड़ी की डिमांड आज भी अजमेर, श्रीमाधोपुर, कोटा, जयपुर, अलवर, नागौर सहित कई जिलों में रहती है। 

ये भी पढ़ें:- Ekling Ji Ka Mandir : राजस्थान का वो मंदिर...जिनका आशीर्वाद लेकर रणभूमि में उतरते थे महाराणा प्रताप

5379487