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Sas-Bahu Temple: सास-बहू मंदिर उदयपुर से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर नागदा गांव में स्थित है। यह मंदिर राजवंश के राजा महिपाल द्वारा 10वीं सदी में इसे स्थापित कराया गया था।

Sas-Bahu Temple: हमारे देश में लाखों मंदिर अपनी ऐतिहासिक खूबसूरती और प्राचीन कथाओँ के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान के एक ऐसा राज्य है, जहां का हर मंदिर अपनी एक अलग पहचान रखता है। इन्हीं प्राचीन मंदिरों में से एक है उदयपुर का सास-बहू मंदिर, जो अपनी दिलस्प कहानी के देश-विदेश में फेमस है। आपको बता दें कि यह मंदिर 1100 साल पुराना है। आज इस लेख में हम आपको उदयपुर के सास-बहू मंदिर से जुड़ी दिलस्प कहानी और इस मंदिर से जुड़े रोचक किस्सें बताएंगे। 

सास-बहू मंदिर से जुड़ी रोचक कहानी 

सास-बहू मंदिर उदयपुर से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर नागदा गांव में स्थित है। हर साल लाखों सैलानी इस मंदिर को देखने आते हैं। सास-बहू सुनकर लगता है कि यह मंदिर सास या बहू ने बनवाया होगा लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसा माना जाता है कि राजवंश के राजा महिपाल द्वारा 10वीं सदी में इसे स्थापित कराया गया था।

माना जाता है कि राजा महिपाल की रानी भगवान विष्णु की बहुत बड़ी भक्त थी। राजा ने अपनी रानी के भगवान विष्णु का एक मंदिर बनवाया जिसमें वो आराम से पूजा कर सके। कुछ साल बाद रानी के पुत्र की शादी हो गई और राजा की बहू भगवान शिव की भक्त थी जिसके बाद राजा ने अपनी बहू के लिए भी भगवान शिव का मंदिर स्थापित कराया। इसके बाद यह मंदिर सहस्त्रबाहू के नाम से मशहूर हो गया। 

1100 वर्ष पुराना है इतिहास 

यह मंदिर 1100 साल पहले कच्छपघात राजवंश के द्वारा हुआ था। इस मंदिर के अंदर आपको भगवान विष्णु की एक विशाल मूर्ती दिख जाएगी, जो 32 मीटर ऊंची और 22 मीटर चौड़ी है। कहा जाता है कि मुगल शासन के दौरान इस मंदिर को रेत से ढकवा दिया गया था। साथ ही मंदिर की कई मूर्तियों को खंडित कर दिया गया था। अंग्रेजी शासन के बाद इसे वापस खोल दिया गया था।

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