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कोरोना के लॉकडाउन में यूट्यूब से एक साथ में पास व्यक्ति ने पैराग्लाइडिंग पैराशूट और मशीन बनाकर सबको चकित कर दिया। इसे बनाने में महज 4 से 5 लाख रुपए का खर्च आया।

Jalore: हर कोई ऊंची उड़ान भरना चाहता है, चाहे वो जीवन में हो या फिर करियर में। अगर आप में जज्बा है, तो उड़ान भी आसान हो जाती है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जालौर से है। जहां एक 7वीं पास व्यक्ति ने बड़े से बड़े इंजीनियरों को दंग कर दिया। शक्तिदान राव नमक इस शख्स ने कोरोना के समय का सदुपयोग करते हुए यूट्यूब से ही पैराग्लाइडिंग पैराशूट और मशीन को बनाना सीख लिया और अब पूरे क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं। 

घर में बैठकर बना ली पैराग्लाइडिंग मशीन

शक्तिदान राव का कहना है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान मैं बाकी लोगों की तरह यूट्यूब और सोशल मीडिया चलाता था। इस दौरान मैं सबसे ज्यादा पैराग्लाइडिंग का वीडियो देखता था, जिससे प्रेरित होकर मैंने खुद ही मशीन बनाने का सपना सोच लिया। फिर क्या था यूट्यूब से वीडियो देखकर इसे बनाने का प्रयास करता रहा। शुरुआत में असफल हुआ लेकिन आखिरकार मैंने घर में बैठकर ही इस मशीन को तैयार कर लिया। 

हरियाणा से ली ट्रेनिंग, बाहर से मंगवाए सामान

जालौर के शक्तिकांत ने बताया कि मशीन तैयार करने के बाद वो हरियाणा गए और वहां प्रोफेशनल पैराग्लाइडिंग ट्रेनिंग ली। वहां से आकर फिर मशीन के कुछ पार्ट बाहर से मंगवाकर उसे और उन्नत किया। इस मशीन को बनाने में करीब 4 से 5 लाख रुपए का खर्च आया। 

अब लोगों को दे रहे ऊंची उड़ान

मशीन तैयार होने के बाद अब राजस्थान के जालौर में कोई भी व्यक्ति मात्र ₹1500 में पैराग्लाइडिंग कर सकता है। यही नहीं इसमें शक्तिकांत लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा है। यही कारण है कि 4000 मीटर ऊंचाई के क्षमता के बावजूद मात्र 1500 से 2000 मीटर की उड़ान भरवाते हैं। जालौर के लोगों के बीच और बाहरी पर्यटकों के बीच भी है यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

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