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Rajasthan Unique Village: राजस्थान में एक ऐसा गांव है, जहां के लोग आज भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करते हैं। यहां के लोगों की पुरानी सोच आपको हैरान कर सकती है।

Rajasthan Unique Village: राजस्थान के ब्यावर में एक ऐसा गांव है, जिसकी सोच आपको हैरान कर सकती है। आप एक पल के लिए ये सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि यहां के लोगों की सोच कितनी पुरानी है। यह गांव राजस्थान के ब्यावर जिले में स्थित है, जिसका नाम देवमाली गांव है। देवमाली गांव का नाम भगवान देवनारायण के नाम पर रखा गया है। इस गांव में एक देवनारायण भगवान का मंदिर है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है।

सन 2024 में देवमाली गांव को सबसे सुंदर पर्यटक गांव का दर्जा दिया गया है। देवमाली गांव ने विश्व के नक्शे में एक अलग पहचान बनाई है। यह गांव देवनारायण भगवान की तपस्या स्थली है। देवनारायण जी राजस्थान के एक लोक देवता और महान योद्धा थे। देव माली गांव को भारत का सर्वश्रेष्ठ गांव घोषित किया जा चुका है। कांग्रेस सरकार में सीएम अशोक गहलोत ने देवनारायण जयंती को राजस्थान में राजकीय अवकाश घोषित कर दिया। केंद्र सरकार के द्वारा इस देव माली गांव को सम्मानित किया गया है।

इस गांव के ऊपर बनाई गई है डॉक्यूमेंट्री

इस गांव को और अधिक बढ़ावा देने के लिए भरतराज गुर्जर के निर्देशन में एक डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है। इस डॉक्यूमेंट्री में देवमाली गांव के ग्रामीण वास्तविक जनजीवन और संस्कृति को दिखाया गया है। इस डॉक्यूमेंट्री के जरिये यहां के उभरते पर्यटन की संभावनाओं को दिखाया गया है। इस लघु डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य लोगों को देवमाली गांव की वास्तविक स्वरूप, परंपराओं और संस्कृति से रूबरू कराना है।

देवमाली गांव में नहीं होता मांस मदिरा का सेवन

इस गांव में आज भी घरों की छत पक्की नहीं कच्ची होती हैं। गांव के सभी मकान आज भी मिट्टी से ही बने हुए हैं। कच्चे मकान में रहने का कारण भगवान देवनारायण के वचनों से वचनबद्ध होना है। इस गांव का प्राकृतिक सौंदर्य इसे और गांवो से अलग करता है। इस गांव में गुर्जर समाज के भगवान श्री देवनारायण का प्रसिद्ध मंदिर है। इस गांव में गुर्जर समाज के लोग रहते हैं। कहते हैं कि यहां आने वाले हर श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है।

इसलिए हर साल इस गांव में लाखों लोग अपनी मनोकामना लेकर देवनारायण भगवान के दर्शन करने आते हैं। इस गांव के लोग आज भी अपनी परंपराओं और संस्कृति के मूल्य पर बरकरार है। इस गांव का कोई व्यक्ति मांस मुद्रा का सेवन नहीं करता है। इस गांव के सभी लोग देवनारायण भगवान को विष्णु का अवतार मानते हैं। यहां के सभी लोग देवनारायण की दिए गए वचनों का पालन करते हैं।

इनका कहना है कि यदि गांव में पक्का घर बना लेते है तो कोई ना कोई आपदा आ जाती है। इसलिए इस गांव का करोड़पति भी कच्चे मकान में ही रहता है। शादियों में यहां के लोग दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बिठाते हैं। इस गांव में केरोसिन और नीम की लकड़ी जलने पर रोक लगाई गई है। एक इंच भी जमीन गांव वालों के नाम नहीं है, क्योंकि यह लोग पूरी जमीन को भगवान देवनारायण की मानते हैं। इस गांव के लोग भगवान देवनारायण की पूरी जमीन को अपना मानते हैं।

इस गांव में होती है फिल्मों की शूटिंग

इस गांव में जॅाली एलएलबी-3 की शूटिंग हुई है। दुनिया में उभरते इस गांव ने राजस्थान राज्य को पहचान एक नई पहचान दिलाई है। इस गांव में लगभग 1500 लोगों की आबादी रहती है। यह लोग अपना जीवन यापन पशुपालन की सहारे करते हैं। यहां गुर्जर जाति के लोग भगवान देवनारायण के साथ प्रकृति की भी पूजा करते हैं। इस गांव की सबसे खास बात यह है कि यहां कभी भी चोरी नहीं होती है। इस कारण यहां के लोग अपने घरों पर ताला नहीं लगते हैं। यहां के लोगों का कहना है कि जब भगवान देवनारायण इस गांव में आए थे तब वह गांव वालो की सेवा से बहुत खुश थे।

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